डेली संवाद, जालंधर
श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले भाई-बहन के पर्व रक्षाबंधन के मौके पर बहनें अपने भाइयों को अमृत मुहूर्त में रक्षासूत्र बांधें तो ज्यादा उपयुक्त होगा। पंडित गरुण प्रसाद शुक्ला के अनुसार अमृत मुहूर्त के समय राखी बांधना बहुत ही फलदायी माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि इसी समय अपने भाई को राखी बांधें और भाई भी अपनी बहनों से इसी समय राखी बंधवाएं।
रक्षाबंधन रविवार 26 अगस्त को है। इस दिन पूर्णिमा तिथि का मान सूर्योदय से लेकर शाम 04:20 बजे तक रहेगा। उक्त अवधि में पूर्णिमा को करने वाले समस्त शुभ कार्य किए जाएंगे। ब्राह्मणों का विशेष पर्व श्रावणी भी इसी दिन मनाया जाएगा। श्रावण पूर्णिमा को चातुर्मास के सबसे शुभ दिन के रूप में माना गया है। इसमें किए हुए शुभ कार्यों का कई गुना फल प्राप्त होता है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
रविवार को सुबह 7:43 बजे से 9:18 बजे तक चर, सुबह 9:18 बजे से लेकर 10:53 बजे तक लाभ और सुबह 10:53 बजे से लेकर 12:28 बजे तक अमृत मुहूर्त का समय होगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद दोपहर 2:03 बजे से लेकर 3:38 बजे तक शुभ, शाम 6:48 बजे से लेकर 8:13 बजे तक शुभ, रात 8:13 बजे से लेकर 9:38 बजे तक अमृत और फिर रात 9:38 बजे से लेकर 11:03 बजे तक चर मुहूर्त रहेगा। उन्हों ने बताया कि इन मुहूर्तों में राखी बांधी जा सकती है।
संकटी श्री गणेश चतुर्थी/बहुला बुधवार को
रक्षा बंधन के उपरांत बहनें अपने भाई के समस्त संकट हरण के लिए श्री गणेश जी का व्रत रखती हैं। जिसको पूर्वी उत्तर प्रदेश में अधिक मान्यता दी जाती है। यह पर्व इस वर्ष बुधवार 29 अगस्त को है। इसी दिन पुत्रवती महिलाएं अपने पुत्र की आयु वृद्धि की कामना से गणेश चतुर्थी का व्रत रखती हैं। रात के 08:17 बजे चन्द्रोदय होने पर ‘ओम् सोम सोमाय नमः’ मंत्र से चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत पूरा करेंगी।
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