डेली संवाद, जालंधर
फाइनांस एंड कांट्रैक्ट कमेटी (F&CC) की बैठक में मेयर जगदीश राजा, डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी समेत अन्य मैंबरों ने बड़ी धांधली पकड़ी है। जिससे अफसरों को होश उड़ गए हैं। अफसरों ने दो दिनों में सभी जानकारी मुहैया करवाने का वायदा किया है, नहीं तो नगर निगम इसकी विजीलैंस जांच करवा सकता है। इसकी जिम्मेदारी निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा को सौंपी गई है। इस दौरान मीटिंग में 5.70 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पारित किए गए हैं। यही नहीं जीएसपी को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दिया गया है।
मेयर जगदीश राजा, सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर, डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी, मैंबर ज्ञानचंद और गुरविंदरपाल सिंह बंटी ने बताया कि एस्टीमेट के नाम पर कुछ अफसर कागजों में करोड़ों की धांधली कर रहे हैं। ऐसी ही एक धांधली मीटिंग के दौरान पेश किए गए एजेंडे में पकड़ी गई है। हैरानी तो यह है कि जितनी मशीनरी नगर निगम के पास नहीं, उससे ज्यादा मैनपावर के नाम पर पैसे हड़पे गए हैं।
एसे पकड़ी धांधली
मेयर जगदीश राजा और डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी ने बताया कि एजैंडे में ओएंडएम के एसई और एक्सईएन की तऱफ से प्रस्ताव संख्ता 128 रखा गया। इसमें नगर निगम की गाड़ियों को चलाने के लिए आउट सोर्सिंग के जरिए मैनपावर रखने की बात कही गई। प्रस्ताव के मुताबिक आपरेटर, ड्राइवर और हैल्पर रखे गए थे। इस काम के लिए वर्कशाप शाखा की तरफ से 1,35,82,220 का प्रस्ताव 1 फरवरी 2016 में पारित किया गया। इसमें नगर निगम गाड़ियां नहीं खरीद सका। जिससे 21 अलग-अलग गाड़ियों के लिए ही टैंडर निकाला गया। नगर निगम ने 66.88 लाख रुपए का टैंडर निकाला। इसे ठेकेदार गौरव गुप्ता ने 63.33 लाख रुपए में करने का टैंडर भरा। इसे अप्रैल 2016 में पास कर दिया गया।
ठेकेदार अप्रैल 2016 में काम शुरू कर दिया। जो कि अब खत्म होने वाला है। निगम अफसरों ने नए सिरे से एस्टीमेट तैयार किया। इसमें 25 फीसदी इंक्रीज कर इस बार 83.58 लाख रुपए में मैनपावर सप्लाई करने का ठेका तैयार किया गया। इस प्रस्ताव पर मेयर औऱ डिप्टी मेयर आशंका जाहिर की। इसके बाद उन्होंने कहा कि वर्कशाप का स्टाक रजिस्टर मंगाया जाए।
डीसीएफए ने सवाल उठाए तो स्टाक रजिस्टर हाजिर करने को कहा
मीटिंग में डीसीएफए ने एस्टीमेट और बिल पर सवाल खड़ा कर दिया। डीसीएफए का कहना था कि अफसर कभी 10 हजार तो कभी 20 हजार के काम पास करवा कर पैसे दिलवा देते हैं, जिनका कोई हिसाब नहीं होता। जिससे ओएंडएम के इंजीनियरों और डीसीएफए में बहस हो गई।नगर निगम के एसई किशोर बांसल ने जो स्टाक रजिस्टर कमेटी को सौंपा, उसमें कोई लेखा-जोखा ही नहीं था। जिससे पूरी धांधली पकड़ में आ गई। इसके बाद अफसरों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई।
मेयर ने कहा-विजीलैंस जांच करवा दें
मेयर जगदीश राजा ने कहा है कि कागजों में हेराफेरी कर सरकारी धन का दुरुपयोग बरदाश्त नहीं किया जाएगा। स्टाक रजिस्टर में कुछ भी क्लियर नहीं है। इससे पूरे मामले की विजीलैंस जांच करवाई जाए। इस पर अफसरों ने दो दिन की मोहलत मांगते हुए कहा कि एक-एक पैसे का हिसाब दिया जाएगा। मेयर ने इसके लिए कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा को जिम्मेदारी सौंपी है।
120 फुटी रोड पर पुडा दीवारा उठाए – डिप्टी मेयर
डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी ने कहा है कि 120 फुटी रोड पर कुछ हिस्सा पुडा का है। जिससे वहां लोग कूड़ा फेंक रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पुडा के अफसरों से कहा गया है कि वहां दीवार बनाएं।
एस्टीमेट गलत बनाने पर प्रस्ताव लंबित
मीटिंग के दौरान मेयर और डिप्टी मेयर ने हर प्रस्ताव को बारीकी से चैक किया। इसमें प्रस्ताव संख्या 135 में ट्यूबवेल और डिस्पोजल के रख रखाव के लिए शंट कंपैस्टर खरीदने का टैंडर शामिल था। इसमें 11 लाख से ज्यादा का प्रस्ताव पेश किया गया था। मेयर ने एस्टीमेट में गड़बड़ी बताते हुए इसे लंबित कर दिया। इसके साथ ही बिजली के सामान खरीद पर 50 फीसदी कटौती कर दी गई है।
इन प्रस्तावों की कमिश्नर करेंगे समीक्षा
मेयर ने बताय़ा कि कुछ अऩ्य प्रस्तावों के एस्टीमेट गलत पाए गए हैं। इनकी समीक्षा के लिए कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा को निर्देश दिया गया है। इसमें वाटर सप्लाई एंड सीवरेज के काम वाले एस्टीमेट शामिल हैं।
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