कुकुरमुत्तों की तरह फैलता जा रहा है ठग ट्रैवल एजैंट्स का कारोबार, पुलिस रोकने में नाकाम
विदेश भेजने के नाम पर अब तक 17,480 करोड़ रुपए ठगे गए, पढ़ें हैरान करने वाला खुलासा
विदेश भेजने के नाम पर अब तक 17,480 करोड़ रुपए ठगे गए, पढ़ें हैरान करने वाला खुलासा
डेली संवाद, जालंधर
पंजाब में अवैध तरीके से विदेश भेजने का धंधा लगातार बढ़ता जा रहा है। पैसे कमाने के लिए फेक एजेंट अपहरण और हत्या तक कराने लगे हैं। कनाडा, आॅस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड, गल्फ कंट्रीज और अन्य यूरोपीय देशों में भेजने के नाम पर 15 से 35 लाख रुपए तक ठगे जा रहे हैं।
हैरानी की बात तो यह है कि ये सब कुछ मेला लगाकर किया जा रहा है। ठगी के इस धंधे में पुलिस अफसरों, नेताओं और प्रशासनिक अफसरों के मोटे पैसे लगे हैं। जिससे न तो पुलिस कोई कार्ऱवाई कर रही है और न ही जिला प्रशासन। जिससे पंजाब के युवाओं को ठगने का मेला बढ़ता जा रहा है।
अगर आंकड़े पर निगाह दौड़ाएं तो पिछले जनवरी-2016 से जून 2018 में ही पंजाब के 92000 लोगों से 17 हजार 480 करोड़ रुपए ठगे जा चुके हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या बेरोजगार युवाओं की है। बड़े मामलों में हर व्यक्ति से औसतन 19 लाख रुपए ठगे गए हैं। बाकी छोटे-छोटे हजारों मामले तो दर्ज ही नहीं किए गए।
‘चार्म्स’ तथा ‘लैंडमार्क’ ने लगाया मेला, देखें VIDEO
इमीग्रेशन कंसलटेंट कंपनियों ‘चार्म्स’ तथा ‘लैंडमार्क’ ने होटल माया व अपने कार्यालयों में कैनेडियन मेला आयोजित किया। होटल माया में चल रहे IELTS के पेपर को भुनाने के लिए वहीं मेला आयोजित किया गया। बावजूद फ्लॉप रहा। कनाडियन डेलीगेट्स का झांसा देकर हिंदुस्तानियों को बैठाकर बच्चों की काउंसलिंग करवाई गई। ठगी का ऐसा कारोबार शहर में जोरों-शोरों से चल रहा है। इसी तरह Canam व idp वालों का कैनेडियन मेला भी लगाया जा रहा है। इन मेलों में ज्यादतर ग्रामीण इलाके के युवाओं को झांसा दिया जा रहा है।
ग्रामीण और कम पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को करते हैं टारगेट
अवैध एजेंटों के जाल में फंसने वाले 48% युवा कम पढ़े लिखे और ग्रामीण हैं। वो भी अंडर सीनियर सेकंडरी या फिर अंडरग्रेजुएट।। पुलिस आंकड़ों के अनुसार हर महीने तीन हजार से ज्यादा शिकायतें सामने आ रही हैं। इन शिकायतों का अनुपात महज 20 फीसदी है। बाकी के लोग कई-कई साल तक एजेंट के चक्कर लगाते रहते हैं। वह इसी उम्मीद में होते हैं कि शायद उन्हें विदेश भेज दिया जाए। जब सारी उम्मीदें टूटती हैं तब शिकायत होती है।
ये है ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट-2012
- पांच साल से अधिक अनुभवी ट्रैवल एजेंसी को लाइसेंस शुल्क के रूप में 1 लाख और अन्य के लिए 25,000 रुपए का भुगतान करना पड़ता है।
- अवैध गतिविधि में लिप्त होने के मामले में सात साल तक कारावास।
- धोखाधड़ी सिद्ध होने पर लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान।
- एजेंट का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
- सभी जानकारी का पुलिस द्वारा सत्यापन कराना जरूरी।
- हर पांच साल में पंजीकरण का नवीनीकरण होना चाहिए।
- सेमिनार और विज्ञापनों के लिए प्रशासन की सहमति।