भाजपा/एनडीए शासित 14 राज्‍यों में पेट्रोल-डीजल पांच रुपये प्रति लीटर सस्ता, बाकी जगह ढाई रुपये की राहत

Daily Samvad
3 Min Read

अशोक सिंह भारत
डेली संवाद, नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने गुरुवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक व्यवस्था के तहत 2.50 रुपये प्रति लीटर कटौती की घोषणा की. केंद्र सरकार की घोषणा के बाद बीजेपी/एनडीए शासित अधिकतर राज्यों ने पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य स्तरीय करों में भी कटौती की है. इससे इन राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें पांच रुपये प्रति लीटर तक कम हो गई हैं. वहीं बाकी राज्‍यों में तेल की कीमतें ढाई रुपये प्रति लीटर कम हुई हैं. यह कटौती आज आधी रात से लागू हो गई।

कच्चे तेल के अंतराष्ट्रीय बाजार में लगतार तेजी के बीच देश में डीजल पेट्रोल के दाम काफी ऊंचे हो गए हैं. उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र ने डीजल-पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 1.50 रुपये की कमी की है और पेट्रोलियम का खुदरा काम करने वाली सरकारी कंपनियों को भाव एक-एक रुपये प्रति लीटर कम करने और उसका बोझ खुद वहन करने के लिए कहा गया है. इससे कंपनियों पर 9,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

भाजपा/एनडीए शासित राज्य सरकारों ने अपने यहां वैट घटाया

भाजपा/एनडीए शासित राज्य सरकारों ने अपने यहां वैट/बिक्री कर में इसी के बराबर (2.50 रुपए प्रति लीटर) की कमी की है. केंद्र सरकार की इस घोषणा के बाद गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, असम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, जम्‍मू कश्‍मीर, उत्‍तराखंड, गोवा, महाराष्‍ट्र और हरियाणा राज्यों ने वैट में 2.50 रुपये की कटौती की है. इससे इन राज्यों में पेट्रोल-डीजल की प्रभावी कीमत पांच रुपये प्रति लीटर कम हो गई है।

https://youtu.be/4UJn77-EgEw

वहीं कर्नाटक और केरल ने ईंधन की कीमतों में और कटौती करने से मना कर दिया है, क्योंकि इन राज्यों ने पिछले महीने ही ईंधन की कीमतों में उल्लेखनीय कटौती की थी. राजस्थान, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्य भी ईंधन की कीमतों में पहले कटौती कर चुके हैं। बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार तेल कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर कम करे. वहीं केरल के वित्त मंत्री टी. एम. थॉमस इसाक ने इसे राजस्थान और मध्यप्रदेश के आगामी चुनावों से प्रभावित फैसला बताया।

केंद्र सरकार को 10,500 करोड़ रुपये के कर राजस्व का नुकसान होगा

भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के चार साल के कार्यकाल में यह दूसरी बार है जब पेट्रोलियम पर उत्पाद शुल्क में कटौती की गई है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उत्पाद शुल्क में कटौती से केंद्र सरकार को 10,500 करोड़ रुपये के कर राजस्व का नुकसान होगा. जेटली ने राज्य सरकारों से भी इसी अनुपात में बिक्री कर या वैट में कटौती करने का आग्रह किया था।




728

728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *