दिल्ली से लेकर पंजाब तक तस्करी का गोरखधंधा, नेपाल से हर दिन लाई जाती हैं 50 लड़कियां

Daily Samvad
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नई दिल्ली। नेपाल बॉर्डर से आ रहे लड़कियों की तस्करी के आंकड़ों ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। गैर सरकारी संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि नेपाल से रोजाना लगभग 50 लड़कियां तस्करी कर भारत लाई जाती हैं। यहां से इन लड़कियों को अलग-अलग चैनल और रुट द्वारा खाड़ी के देशों में भेजा जाता है।

साल 2015 में आए भूकंप के बाद नेपाल से महिलाओं की तस्करी का ग्राफ बढ़ा है। दिल्ली पुलिस समेत दूसरी एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे धंधे में दिल्ली वो केन्द्र बन गया है जहां पर नेपाल से लाई गई लड़कियां बंधक बनाकर रखी जाती हैं और इसके बाद उन्हें खाड़ी देशों में बेच दिया जाता है। यहीं नहीं दिल्ली से पंजाब इन लड़कियों को घरों में काम करने के लिए भेजा जाता है। लेकिन पंजाब से इन्हें दूसरे देश आसानी से भेजा जाता है।

60 फीसदी लड़कियां नेपाल से मानव तस्करी कर यहां लाई गईं

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद का कहना है कि उनकी टीम ने 2015 से दिल्ली में 535 रेस्क्यू ऑपरेशन किया है, इस दौरान पकड़ी गईं 60 फीसदी लड़कियां नेपाल से मानव तस्करी कर यहां लाई गईं थीं। हाल ही में दिल्ली के मुनिरका, मैदान गढ़ी और पहाड़गंज में रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पकड़ी गई लड़कियों से पूछताछ में पता चला कि वे नेपाल से ही यहां आई थीं।

बता दें कि भारत-नेपाल बॉर्डर क्रॉस करने के लिए किसी भी सरकारी दस्तावेज की जरूरत नहीं होती है। भारतीय पुलिस अधिकारी नेपाल बॉर्डर से तस्करी के लिए नेपाली अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हैं। सीमा पर तैनात एक अधिकारी कहते हैं, “मानव तस्कर कई बहाने लेकर आते हैं और सुरक्षा अधिकारियों को धोखा देते हैं, कई बार वे अपने साथ लाई गईं लड़कियों या महिलाओं से नौकरी का बहाना बनाने का दबाव बनाते हैं।

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रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल से निकलने से पहले ही ट्रैफिकिंग एजेंट इन लड़कियों का पासपोर्ट ले लेते हैं, इसके बाद एक बार दिल्ली आने के बाद ही इनका पासपोर्ट दिया जाता ह। दिल्ली में ही ये तय किया जाता है कि लड़कियों को किस देश में भेजा जाएगा। दिल्ली में कुछ खास इलाके हैं जहां पर नेपाल से लाई गईं लड़कियों को कैद कर रखा जाता है।

महिलाओं को ज्यादातर पहाड़गंज, लक्ष्मी नगर, गोविंदपुरी या फिर दक्षिण पश्चिम दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में रखा जाता है। इस दौरान इन लड़कियों का वीजा तैयार किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में ब्यूटी पॉर्लर और मसाज सेंटर चलाने वाले नेपाली भी इस धंधे में बड़े पैमाने पर जुटे हैं। ब्यूटी पॉर्लर और मसाज सेंटर की आड़ में ये धंधा बेरोक-टोक फलता फूलता है। (साभार-AAJTAK)

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