भुवनेश्वर। चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने विकराल रूप धारण कर लिया है और ये ओडिशा और आंध्र प्रदेश तट पर पहुंच गया है। ओडिशा के तटीय इलाकों में इस वक्त 140 से 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। तूफान के कारण गोपालपुर और बेरहामपुर में कई पेड़ उखड़ गए हैं और लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
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तूफान का सामना करने के लिए प्रशासन ने कड़ी तैयारी की है, इसके नुकसान से बचने के लिए अलग-अलग जिलों में एनडीआरएफ 18 टीमें तैनात की गई हैं। गंजाम के गोपालपुर के पास तितली चक्रवात के कारण सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर भूस्खलन हुआ। निचले इलाकों में रहने वाले 10,000 लोगों को बुधवार रात ही सरकारी आश्रय में भेज दिया गया है।
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तितली तूफान पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान, सरकार और प्रशासन मुस्तैद से स्थिति से निपटने के लिए, हर प्रकार के इस आपदा से निपटने की तैयारी। उन्होंने सभी से सहयोग की अपील भी की
रेलवे स्टेशन हुआ तबाह
तितली ने आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के पलासा रेलवे स्टेशन में भी तबाही मचाई। इसके अलावा श्रीकाकुलम और विजयनगर में तूफान का ज्यादा असर देखा गया। यहां पेड़ उखड़ गए और कई जगहों पर सड़कें बाधित हो गईं। जानमाल का नुकसान हुआ। प्रभावित इलाकों में तुरंत मदद के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात है।
ओडिशा के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश हुई। संचार व्यवस्था, सड़कों और घरों को नुकसान पहुंचा है। गंगाम, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, गजपति केंद्रापाड़ा, भद्रक और बालासोर में तूफान का सबसे ज्यादा असर देखा गया। यहां मूसलाधार बारिश हुई। यहां अगले कुछ घंटों में 165 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है। तितली को अति गंभीर चक्रवाती तूफान की श्रेणी में रखा गया। भारी बारिश के चेतावनी के बाद ओडिशा सरकार ने पांच तटीय जिलों के निचले इलाके पहले ही खाली करा लिए।
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