वेस्ट हलके के विधायक सुशील रिंकू और ज्वाइंट कमिश्नर आशिका जैन विवाद
आईएएस एसोसिएशन के प्रधान ने डीसी से मांगी रिपोर्ट, आशिका जैन ने लिखी चिट्ठी-सूत्र
महाबीर सेठ
डेली संवाद, जालंधर
जालंधर वेस्ट हलके के विधायक सुशील रिंकू और नगर निगम की ज्वाइंट कमिश्नर आशिका जैन विवाद आईएएस एसोसिएशन के पास पहुंच गया है। जिससे पंजाब की आईएएस लॉबी एक बार फिर से 18 साल पहले यानि साल 2000 के एपीसोड को दोहराना चाहती है। जिसकी स्क्रिप्ट चंडीगढ़ बैठे कुछ आईएएस अफसर लिखने में जुट गए हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि इस मामले को लेकर आईएएस एसोसिएशन पंजाब के प्रधान केबीएस सिद्धू ने जालंधर के डीसी वरिंदर शर्मा से पूरी रिपोर्ट मांगी है। जिस पर उन्होंने नगर निगम के कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा और ज्वाइंट कमिश्नर आशिका जैन से बातचीत की है। बताया जा रहा है कि आशिका जैन ने लिखित में आईएएस एसोसिएशन को सारा मामला सौंपा है।
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चर्चा तो यह भी है कि आईएएस एसोसिएशन विधायक सुशील रिंकू पर सरकारी काम में कोताही को लेकर एफआईआर के पक्ष में है। फिलहाल चंडीगढ़ के एक आईएएस अफसर बताते हैं कि इस मामले में सोमवार को बड़ा डेवलेपमेंट हो सकता है। इस मामले में डीसी वरिंदर शर्मा और ज्वाइंट कमिश्नर आशिका जैन कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं।
साल 2000, तब कमलजीत भाटिया पब्लिक के लिए लड़े थे
साल 2000 में अकाली दल के तत्कालीन कौंसलर कमलजीत सिंह भाटिया भी पब्लिक के लिए अड़ गए थे। तब भी मामला बिल्डिंग ब्रांच का था। बिल्डिंग ब्रांच के अफसर तत्कालीन ज्वाइंट कमिश्नर कृष्ण कुमार की अगुवाई में बस्तियात में ही कार्रवाई के लिए पहुंचे थे, तब कौंसलर रहे कमलजीत सिंह भाटिया ड़टकर खड़े हो गए थे। बाद में ज्वाइंट कमिश्नर कृष्ण कुमार की तरफ से पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।
12 अक्तूबर 2018, अब सुशील रिंकू पब्लिक के लिए खड़े हुए
12 अक्तूबर 2018 को नगर निगम का बिल्डिंग स्टाफ ज्वाइंट कमिश्नर आशिका जैन की अगुवाई में बस्तियात में कार्ऱवाई को पहुंची थी। यहां दो-दो मरले में बने मकानों पर डिच चला दी गई। पब्लिक नाराज होकर खड़ी हो गई। सूचना पाकर मौके पर विधायक सुशील रिंकू पहुंचे और कार्रवाई का सख्त विरोध किया। रिंकू ने कहा-‘अगर महिला न होती तो जाने नहीं देते।’ इसकी वीडियो वायरल होते ही आईएएस एसोसिएशन हरकत में आ गया है।
पब्लिक के लिए लड़ना गुनाह नहीं, एक बार नहीं सौ बार लडूंगा – भाटिया
अकाली दल के नेता और पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर कमलजीत सिंह भाटिया ने कहा है कि एक जनप्रतिनिधि अगर पब्लिक के लिए नहीं लड़ेगा, तो जनता की लड़ाई कौन लड़ेगा? अफसरशाही तब भी थी, आज भी है। भाटिया ने कहा है कि जब नींव भरी जाती है तब नगर निगम का स्टाफ कहां होता है। गरीब लोग दो-दो मरले में घर बनाकर कंपलीट करते हैं, तो निगम के अफसर गिराने पहुंच जाते हैं। यहां सरासर धक्केशाही है। इसके खिलाफ हर एक लीडर खड़ा होगा।
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