अशोक सिंह भारत
डेली संवाद, नई दिल्ली
#MeToo अभियान में यौन उत्पीड़न के एक के बाद एक हो रहे खुलासे के बाद सरकार ने ऐसे मामलों की जांच और शिकायतों को निपटाने के लिए कानूनी तंत्र मजबूत करने के लिए सेवानिवृत जजों की कमेटी बनाने का फैसला किया है। एक दो दिन में सरकार चार सेवानिवृत न्यायाधीशों और एक वरिष्ठ वकील की कमेटी गठित करेगी जो कि मी टू मामलों की जांच और कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न रोकने के कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के तंत्र पर विचार करेगी।
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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मी टू के बढ़ते अभियान और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए जाने माने कानूनविदों की कमेटी गठित करने का फैसला लिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को मी – टू अभियान के तहत की जा रही शिकायतों पर कहा कि वह सभी पर विश्वास करती हैं और उनकी पीड़ा से इत्तफाक रखती हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग इस बारे मे बोल रहे हैं वे इसलिए नहीं बोल रहे कि उन्हें न्याय चाहिए बल्कि वो इसलिए बोल रहे हैं कि क्योंकि बहुत सालों से एक बोझ उनके मन पर है।
महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत के पूरी दुनिया में फैले मी टू अभियान की शुरुआत भारत में अभिनेत्री तनु श्री दत्ता ने जाने माने अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर की। इसके बाद अभिनेता आलोक नाथ और बहुत से लोगों के नाम सामने आये। इसकी आंच भारत सरकार के मंत्री एमजे अकबर तक भी पहुंची है।
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