कालोनाइजरों पर पंजाब सरकार सख्त, मुख्यमंत्री ने कहा- कॉलोनाइजर या तो काम करे या फिर लाईसेन्स सरेंडर करे, पढ़ें अहम फैसला

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में आज मंत्रीमंडल की बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन्हीं फैसलों में से एक फैसले के तहत कालोनियां विकसित न कर सकने वाले और कालोनियों में विकास कार्य मुकम्मल न कर सकने की सूरत में प्रोमोटरों को अपने लाइसेंस वापस जमा करवाने संबंधी नीति को मंजूदी दी गई।

पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब में कालोनियां विकसित करने के लिए प्रोमोटरों को पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट, 1995 की धारा 5 के अधीन लाइसेंस दिया जाता है। इसमें दर्ज शर्तों का पालन न करने के कारण सम्बन्धित प्रोमोटर का लाईसेंस एक्ट की धारा 5(12) के अंतर्गत रद्द किया जा सकता है।

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रियल अस्टेट कारोबार में रुकावट आने के कारण कुछ प्रोमोटर कालोनियां विकसित करने और उनमें विकास कार्य मुकम्मल करने में असमर्थ हो गए थे जोकि अपने लाइसेंस सरंडर करना चाहते थे, परन्तु इस सम्बन्धी पॉलिसी की अनुपस्थिति के कारण वे ऐसा नहीं कर सकते थे।

नई नीति के बारे में विस्तार में बताते हुए प्रवक्ता ने कहा कि लाईसेंस समर्पित करने की इजाज़त उन मामलों में मिलेगी जहाँ प्रोमोटर अपना कोई भी प्लाट/अपार्टमेंट बेचने/अलॉट/लीज पर न दे सका हो या कालोनी वाली जगह पर विकास कार्य न करवा सका हो। प्रोमोटरों द्वारा एग्जीक्यूटिव मैजिस्ट्रेट के पास इस कालोनी में किसी भी प्लाट/अपार्टमेंट /विला/मकान का इकरारनामा/अलॉटमैंट /लीज न होने संबंधी भरोसा देता हल्फिया बयान सौंपना पड़ेगा।

30 दिनों का सार्वजनिक नोटिस देना होगा

प्रवक्ता ने कहा कि कालोनी के लाईसेंस को समर्पण करने के मामलों में समर्थ अधिकारी की तरफ से 30 दिनों का सार्वजनिक नोटिस देना होगा जिसके द्वारा लोगों से आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। नोटिस के प्रकाशित होने का ख़र्च प्रमोटर द्वारा वहन किया जायेगा और यह नोटिस संबंधित इलाको में व्यापक सर्कुलेशन वाले दो राष्ट्रीय रोज़मर्रा की अखबारों में प्रकाशित होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नोटिस के प्रकाशन के बाद कोई भी आपत्ती प्राप्त होने पर अथॉरिटी द्वारा संबंधित पक्ष की सुनवाई के बाद उपयुक्त फ़ैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही मंत्रीमंडल ने पंचायत सरपंचों के साथ साथ पंचायत समितियों और जिला परिषदों के चेयरपर्सनों के पदों के लिए चक्रवर्ती (रोटेशन) आधार पर महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत तक आरक्षण बढ़ाने का फैसला किया है।

पंजाब के राज्यपाल को इस सम्बन्धी ऑर्डीनेंस पेश किया जाएगा

मीटिंग के बाद एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रीमंडल की मंजूरी के बाद सात दिनों में पंजाब के राज्यपाल को इस सम्बन्धी ऑर्डीनेंस पेश किया जाएगा। एक अन्य फैसले के दौरान मंत्रीमंडल ने नई नियुक्तियों के लिए वेतन निर्धारित करने के संबंध में दूसरी प्रोविजिनों के बाद पंजाब सिविल सर्विसिज रूल्ज, पार्ट -1, रूल 4.1, सब -रूल (1) में प्रोविज़ीयों को शामिल करने का फ़ैसला किया है।

रेत के व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिए मंत्रीमंडल ने बदलाव की मंजूरी दी

इसी के साथ रेत के व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिए मंत्रीमंडल ने इस संबंधी नीति में अनेकों बदलाव लाने के लिए मंजूरी दे दी है जिससे पहले अपनाई जा रही व्यक्तिगत खानों की बोली की प्रक्रिया की जगह सरकार प्रगतिशील बोली के द्वारा रणनीतिक तौर पर स्थापित कलस्टरों में खनन ब्लाकों की बोली द्वारा ठेके मुहैया करवाने के समर्थ हो सके। इससे सरकारी खजाने को बहुत लाभ होने के अलावा वाजिब कीमतों पर उपभोक्ताओं को उपयुक्त सप्लाई मुहैया करवाई जा सकेगी और अवैध खनन को नकेल डलेगी ।

गौरतलब है कि वर्ष 2017 -18 के दौरान चार माइनर मिनिरल खानों की आगामी बढ़े बोली के द्वारा ई -ऑक्शन की गई थी। इनकी खियाली बोली के कारण बहुत सी खानों की उच्च दरों पर बोली हुई थी और बहुत से ठेकेदार इन खानों पर कार्य करने से असफल रहे थे जिस कारण रेत और बजरी की सप्लाई में बहुत कमी आ गई थी। इसके नतीजे के तौर पर इन वस्तुओं की मंडी कीमत बहुत ज़्यादा हो गई थी।

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