सबरीमाला पर सुलग रहा है केरल, कई इलाकों में धारा 144 लागू, पढ़ें क्या है विवाद

Daily Samvad
4 Min Read

तिरुवनंतपुरम/निलक्कल। केरल में हिंसक विरोध प्रदर्शन और तनाव के बीच सबरीमला मंदिर के कपाट बुधवार को खुल गए। हालांकि सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 10 से 50 साल की उम्र वाली कोई भी महिला भगवान अयप्पा के दर्शन करने में कामयाब नहीं हो सकीं।

मंदिर की तरफ जाने वाले रास्तों को प्रदर्शनकारियों ने रोक रखा है और महिलाओं को वापस भेजा जा रहा है। इस बीच, केरल के निल्लकल, पंपा, एल्वाकुलम, सन्निधनम में धारा 144 लागू कर दी गई है। इस इलाके में एकसाथ चार से ज्यादा लोग एकत्र नहीं हो सकते हैं।

सबरीमाला मंदिर में आज 50 वर्ष के कम उम्र की महिलाएं दर्शन नहीं कर सकीं। सुरक्षा को देखते हुए 10-50 वर्ष की महिलाएं मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए नहीं पहुंचीं। बता दें कि मंदिर के कपाट 22 अक्टूबर तक खुले रहेंगे।

हिंसा पर केंद्र की भी नजर

इधर केंद्रीय गृह मंत्रालय में केरल में आज हुए हिंसा का संज्ञान लिया है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र की घटना पर कड़ी नजर है। बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती के बावजूद दर्शन के लिए जा रहीं महिलाओं को लौटा दिया गया है। उधर, प्रदर्शनकारियों ने मीडिया पर भी हमला बोल दिया।

निलक्कल के रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने कुछ चैनलों के पत्रकारों और उनकी टीम को निशाना बनाया है। बाद में पुलिस ने अपनी गाड़ी में उन्हें सुरक्षित वहां से बाहर निकाला। उधर, पुलिस ने निलक्कल और पंपा में विरोध कर रहे त्रावणकोर देवासम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सहित 50 लोगों को हिरासत में लिया है।

विधि-विधान से हुई अयप्पा की पूजा

इससे पहले ठीक पांच बजे मंदिर का कपाट खुला और पूरे विधि-विधान से पुजारियों ने भगवान अयप्पा की पूजा की। श्रद्धालु रात साढ़े बजे तक भगवान अयप्पा के दर्शन कर सकते हैं।

हिंसा पर राजनीति भी शुरू

केरल सरकार के मंत्री ईपी जयराजन ने हिंसा के पीछे बीजेपी और आरएसएस का हाथ होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केरल राज्य परिवहन निगम की 10 बसों को नुकसान पहुंचाया गया है। दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को पीटा गया है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबपर लागू होता है और सरकार उसका पालन कर रही है। जयराजन ने कहा कि आरएसएस के अपराधी जंगलों में छिपकर अयप्पा के श्रद्धालुओं पर हमला किया है। 10 पत्रकारों, पांच श्रद्धालु और 15 पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया है

महिला को लौटाया वापस

आंध्र प्रदेश की एक महिला को प्रदर्शनों के कारण बुधवार भगवान अयप्पा स्वामी के दर्शन किए बगैर पंपा से लौटना पड़ा। आंध्र प्रदेश की पूर्वी गोदावरी जिला निवासी माधवी शीर्ष अदालत के फैसले के बाद सबरीमाला पहाड़ी पर चढ़ने वाली पहली रजस्वला आयु वर्ग की महिला हैं। पम्बा और आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के बावजूद माधवी को बिना दर्शन किए लौटना पड़ा।

माधवी ने बुधवार की सुबह अपने परिवार के साथ स्वामी अयप्पन रोड से मंदिर परिसर पहुंचने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक दिया, जिस कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। पुलिस ने माधवी और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान किया और उनके आगे बढ़ने का रास्ता भी तैयार किया। लेकिन कुछ दूर आगे चलने के बाद माधवी और उसके परिवार ने लौटने का फैसला किया, क्योंकि अयप्पा धर्म सेना के गुस्से से भरे कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया और वापस जाने के कहने लगे।





728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *