मुख्यमंत्री द्वारा अमृतसर में स्थिति का जायज़ा
अस्पतालों में जाकर घायलों का हाल-चाल पूछा, घटनास्थल का भी दौरा
डेली संवाद, अमृतसर
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अमृतसर में घटे भयानक रेल हादसे की जांच जालंधर के डिविजऩल कमिश्नर से करवाने और जांच रिपोर्ट चार हफ़्तों में सौंपने का समय तय किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पीडि़तों और उनके परिवारों के दुख और दर्द को घटाने के लिए सभी राजनैतिक पार्टियों को संकुचित राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट होने की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने तीन अस्पतालों में घायलों को मिलने और स्थिति का जायज़ा लेने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने उस स्थान का भी दौरा किया जहाँ बीते दिन दशहरे के त्योहार के अवसर पर यह दर्दनाक घटना घटी थी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद इस घटना के लिए जि़म्मेदार लोगों के खि़लाफ़ कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि जांच में घटना के हरेक पहलू को जाँचा जायेगा। इस सम्बन्ध में रेलवे की किसी किस्म की लापरवाही बारे पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को जांच में विचारा जायेगा और यह भी पता लगाया जायेगा कि इस समागम के लिए परवानगी हासिल की गई थी या नहीं की गई थी।
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इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय इस मामले पर राजनीति करने का नहीं है। उन्होंने सभी पार्टियों को पीडि़तों को राहत देने के लिए सरकार के साथ सहयोग करने का न्योता दिया।
मुख्यमंत्री द्वारा बीती रात स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा के नेतृत्व में गठित किया गया तीन सदस्यीय संकट प्रबंधन ग्रुप राहत कार्यों की निगरानी और सहायता सम्बन्धी कार्य मुकम्मल होने तक अमृतसर में ही रहेगा। राजस्व मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया और वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत इस ग्रुप के मैंबर हैं। यह ग्रुप राहत कार्यों की निगरानी करेगा। इसी तरह पुलिस के सीनियर अधिकारी भी ज़रूरत पडऩे तक अमृतसर में ही रुकेंगे जिससे स्थिति को स्थिर बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री बीती रात से समूची स्थिति पर समीप से निगरानी कर रहे हैं और इस हादसे के तुरंत बाद उन्होंने उच्च स्तरीय टीम को घटनास्थल पर पहुँचने के हुक्म दिए थे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि वह नई दिल्ली में हवाई अड्डे पर थे जहाँ से उन्होंने इजराइल दौरो के लिए तल अवीव के लिए रवाना होना था।
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जब उन्होंने इस भयानक हादसे बारे सुना तो वह अपना इजराइल दौरा मुल्तवी करके वापिस आ गए। उन्होंने बताया कि वह रात को अमृतसर के लिए रवाना होना चाहते थे परन्तु जि़ला प्रशासन ने उनको सलाह दी कि वह ऐसे मौके पर वी.पी.आई. की आवाजाई नहीं चाहते क्योंकि इससे युद्ध स्तर पर चल रहे बचाव और राहत कार्यों पर प्रभाव पड़ता है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि रिपोर्टों के मुताबिक इस घटना में अब तक 59 व्यक्तियों की मौत और 57 अन्य ज़ख्मी हुए हैं। उन्होंने अमृतसर जिले में सोमवार तक सरकारी शोक जारी रखने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस समय के दौरान राष्ट्रीय झंडे आधे झुके रहेंगे और सभी शैक्षिक संस्थाएं बंद रहेंगी।
इस दुखदायी घटना पर गहरा अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने पीडि़तों और उनके परिवारों को सरकार की तरफ से पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि वह हस्पताल में दो लड़कियों को मिले जिनके इस घटना में पूरे परिवार ही मारे गए जिससे पूरा देश शोक में डूबा हुआ है।
घटना से हुए नुक्सान बारे जानकारी हासिल की
इससे पहले आज सुबह मुख्यमंत्री के यहाँ हवाई अड्डे पर पहुँचने पर जि़ला अधिकारियों और सकंट प्रबंधन ग्रुप ने उनको संक्षिप्त में जानकारी दी। मुख्यमंत्री के साथ स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ सहित उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल और मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार भी उपस्थित थे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने टीम और अन्य अधिकारियों से इस घटना से हुए नुक्सान बारे जानकारी हासिल की।
इसके बाद कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अमनदीप हस्पताल, सिविल हस्पताल और गुरू नानक देव हस्पताल में जाकर घायलों का हाल -चाल पूछा। इस मौके पर उन्होंने डाक्टरों को हर संभव मैडीकल सहायता उपलब्ध करवाने की हिदायत की। राज्य सरकार की तरफ से सभी सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में घायलों को मुफ़्त इलाज मुहैया करवाने के अलावा मृतकों के वारिसों को 5-5 लाख रुपए देने का ऐलान पहले ही किया हुआ है।
पीडि़तों और उनके परिवारों की सहायता और राहत के बारे में बताया
मुख्यमंत्री के दौरे के अवसर पर कैबिनेट मंत्रियों, संसद सदस्यों, विधायकों समेत सीनियर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे जिन्होंने उनको पीडि़तों और उनके परिवारों की सहायता और राहत के लिए किये जा रहे कार्यों बारे अवगत करवाया।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, ट्रांसपोर्ट मंत्री अरुणा चौधरी, सहकारिता मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा, राजस्व मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया, शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी, ऊर्जा मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़, पशु पालन मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और संसद मैंबर गुरजीत सिंह औजला उपस्थित थे।
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