डेली संवाद, अमृतसर
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज इजऱाइल के शहर तल अवीव से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा अमृतसर की स्थिति का जायज़ा लिया। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को पीडि़तों और उनके परिवारों को राहत और मुआवज़ा जल्दी बाँटने को यकीनी बनाने के अलावा इलाके में अमन -कानून को बरकरार रखने के लिए ज़रुरी कदम उठाने के हुक्म दिए।
स्काईप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री को अपने मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार के अलावा अमृतसर के डिप्टी कमिशनर कमलदीप सिंह संघा और पुलिस कमिशनर सुधांशु श्रीवास्तव ने भी शुक्रवार को रेल हादसे के मद्देनजऱ अमृतसर की मौजूदा स्थिति बारे जानकारी दी।
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इन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि हालात पूरी तरह काबू में हैं और एक पीडि़त को छोडक़र बाकी सभी पीडि़तों की पहचान कर ली गई है। सुरेश कुमार ने बताया कि 58 मृतकों में से 52 का संस्कार कर दिया गया है जबकि बाकियों का संस्कार भी आज कर दिया जायेगा।
उन्होंने आगे बताया कि इस हादसे में ज़ख्मी हुए 58 व्यक्तियों को अस्पतालों में बेहतरीन इलाज मुहैया करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव ने बताया कि इस हादसे से कुल 116 परिवार प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हिदायत की कि इस हादसे में मरने वालों के लिए उनकी तरफ से घोषित किया गया मुआवज़ा वारिसों को देने की प्रक्रिया में तेज़ी लाई जाये।
राशन, कंबल, कपड़े आदि मुहैया करवाया जा रहा है
सुरेश कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) की सलाह मुताबिक ग़ैर -सरकारी संस्थाओं और राजस्व और समाज कल्याण विभागों के अधिकारियों पर आधारित आपदा सहायता ग्रुपों का गठन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इन ग्रुपों द्वारा पीडि़त परिवारों तक पहुँच करउनको राशन, कंबल, कपड़े आदि की किसी तरह की अपेक्षित सहायता भी मुहैया करवाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पीडि़तों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का ब्यौरा जल्द से जल्द मुकम्मल करने के लिए कहा जिससे इनके पुनर्वास के कार्य को पहल के आधार पर अमल में लाया जा सके। डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर ने बताया कि बीते दिन से इस कार्य को योजनाबद्ध ढंग से चलाया जा रहा है जिससे ज़रूरत मुताबिक नौकरियाँ, पैंशन और शैक्षिक सहायता आदि का पता लगाया जा सके।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि पीडि़त परिवारों को सरकार की तरफ से हर संभव मदद दी जानी चाहिए और ज़रूरी वस्तुएँ पहल के आधार पर उपलब्ध करवाने में किसी किस्म की देरी नहीं होनी चाहिए।
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