डेली संवाद, अमृतसर
अमृतसर हादसे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच दशहरा कार्यक्रम के आयोजकों और मुख्य अतिथि नवजोत कौर सिद्धू के खिलाफ बिहार की एक अदालत में सोमवार को एक मामला दायर किया गया है। वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने रेलवे और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया।
दशहरा के दिन अमृतसर में रावण दहन के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से 59 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में बिहार के प्रवासी भी शामिल थे. सिद्धू के बचाव में कांग्रेस सांसद सुनील जाखड़ और पंजाब के मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा आगे आए और उन्होंने घटना के लिए रेल अधिकारियों को दोषी ठहराने की कोशिश की। सिद्धू का बचाव करते हुए बाजवा ने कहा कि उनकी गलती नहीं थी और उन्होंने इस घटना के लिए रेलवे गेटमैन को दोषी ठहराया।
प्रशासन की लापरवाही
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अमृतसर दुर्घटना को लेकर सोमवार को रेलवे और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया. नोटिस जारी करते हुए आयोग ने कहा कि रेल पटरियों पर लोगों के बैठने को समझदारी भरा काम नहीं कहा जा सकता लेकिन साथ ही इस भयावह घटना के पीछे जिले के अधिकारियों की लापरवाही साफ दिखती है।
एनएचआरसी प्रवक्ता ने कहा कि आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से चार हफ्तों में मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. एनएचआरसी ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया।
नवजोत कौर पर कार्रवाई की मांग
बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में नवजोत कौर सिद्धू के खिलाफ परिवाद पत्र दायर कर उनके खिलाफ मामला दायर करने का अनुरोध किया गया. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी की ओर से परिवाद पत्र दायर किया गया. अदालत ने सुनवाई के लिए तीन नवंबर की तारीख तय की है।
उन्होंने परिवाद पत्र में आरोप लगाया कौर की मौजूदगी के कारण कार्यक्रम में काफी लोग जमा हुए थे. कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सुरक्षाबल भीड़ को रेलवे पटरियों पर से हटाने के बदले कौर की सुरक्षा में लगे थे।
हाशमी ने कौर पर गैर जिम्मेदाराना कृत्य करने और कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
दर्दनाक हादसे की देखें वीडियो…(कमजोर दिल वाले बिल्कुल न देखें)
https://youtu.be/P94J2IJ2H0Y
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