लखनऊ। आगरा में जिलाधिकारी रहे आईएएस अधिकारी जुहेर बिन सगीर के खिलाफ फतेहाबाद थाना में भ्रष्टाचार का केस दर्ज कराया गया है। उन पर जमीन की खरीद में भ्रष्टाचार करने का आरोप है। बरेली विजिलेंस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
विजिलेंस की खुली जांच में पाया गया है कि उन्होंने आगरा के डीएम पद पर तैनाती के दौरान अपनी मौसेरी बहन खालिदा रहमान को 20 लाख का अनुचित लाभ पहुंचाया। उस समय प्रदेश में सपा की सरकार थी। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे बनाने के लिए योजना बनाई जा रही थी।
जुहेर बिन सगीर को जानकारी थी कि एक्सप्रेस के लिए जमीन का अधिगृहण किया जाना है। इसकी सूचना जारी किए जाने से पहले ही उन्होंने अधिगृहण की जद में आने जा रही जमीन मौसेरी बहन खालिदा को खरीदवा दी।
मौसेरी बहन को पहुंचा 20 लाख का फायदा
फतेहाबाद तहसील के ग्राम तिबाहा में .6915 हेक्टेयर और स्वारा .3640 हेक्टेयर जमीन 820000 में खरीदी गई। इसके तुरंत बाद 13 अक्तूबर 2013 को जमीन अधिगृहण की अधिसूचना जारी कर दी गई। जुलाई 2014 में जमीन का अधिगृहण हुआ तो 2865000 मुआवजा मिला। इस तरह 2045000 का लाभ हुआ।
एफआईआर विजिलेंस की बरेली यूनिट के इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार शर्मा ने दर्ज कराई है। जुहेर बिन सगीर 20 फरवरी 2013 से पांच फरवरी 2014 तक आगरा के डीएम रहे। वर्तमान में कृषि उत्पादन शाखा, लखनऊ में विशेष सचिव हैं।
सगीर ने मुरादाबाद में डीएम रहने के दौरान भी वहां के गांव सैदपुर खद्दर में खालिदा को जमीन खरीदवाई थी। उनके आदेश से ही बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी ने बैनामो पर गवाही बनाई थी। पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
मुरादाबाद में दर्ज हो चुके दो केस
जुहेर बिन सगीर के खिलाफ कुछ दिन पहले ही मुरादाबाद में भी विजिलेंस ने दो रिपोर्ट दर्ज कराई हैं। वहां दो घोटाले हुए। विकास प्राधिकरण के कब्जे वाली अर्बन सीलिंग की जमीन फर्जी दस्तावेज के जरिए निजी खाताधारकों को सौंप दी गई। दूसरा, जेल की जमीन में घोटाला किया गया। (साभार-अमर उजाला)
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