लुधियाना में प्रस्तावित साइकिल वैली की 100 एकड़ जमीन पर बनेगा इंडस्ट्रियल पार्क
डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब सरकार ने लुधियाना की साइकिल और लाईट इंजनियरिंग इंडस्ट्री को बड़ा प्रौत्साहन देने का फ़ैसला किया है। जिसके मद्देनजऱ सरकार द्वारा लुधियाना के गाँव धनांसू में बनने वाली हाई-टेक साइकिल वैली में अत्याधुनिक औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए 100 एकड़ ज़मीन आरक्षित रखी गई है।
राज्य सरकार द्वारा पहले ही 380 एकड़ पंचायती ज़मीन पर पी.एस.आई.ई.सी. के ज़रिये हाई -टेक साइकिल वैली स्थापित करने संबंधी प्रोजैक्ट मंज़ूर कर लिया गया है। लुधियाना का औद्योगिक विकास मुख्य तौर पर साइकिल और छोटे पैमाने के निर्माण उद्योग पर निर्भर करता है।
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चाहे लुधियाना भारत के साइकिल उद्योग का रिवायती केंद्र है, फिर भी यहाँ पिछले कुछ सालों से स्थिर विकास दर देखने को मिली है। ऐसा अत्याधुनिक पार्क स्थापित करने के पीछे मुख्य मंतव्य हाई -टेक साइकिलों और इंजनियरिंग उत्पादों के लिए ऐसा माहौल पैदा करना है जो प्रौद्यौगिकी में विकास को गति दें और इस तरह लुधियाना के उद्योग को विश्व स्तर पर सार्थक और मुकाबले के योग्य बनाना है।
पी.एस.आई.ई.सी. ने मोबिलिटी सल्यूशन जैसे आटोमोबायल, आटो कम्पोनेंट्स, बाई-साईकल, बाई-साईकल पुर्जे, बिजली के साथ चलने वाले वाहन जैसे कि ई -बाईकस, ई -रिक्शा, लिथियम आइन बैटरियों आदि के निर्माण के लिए प्रमुख इकाई स्थापित करने और हाईटैक साइकिल वैली, जिला लुधियाना, गाँव धनांसू में सहायक /विक्रेता इकाईयों सहित औद्योगिक पार्क की स्थापना संबंधी प्रोजैक्ट कंपनी की चयन के लिए प्रस्ताव संबंधी आवेदन मांगें हैं।
इस पहलकदमी का उद्देश्य साइकिल और लाईट इंजनियरिंग इंडस्ट्री को प्रौत्साहन देना है
ग़ैर -विकसित ज़मीन का 100 एकड़ का यह टुकड़ा पारदर्शी, प्रतियोगिता और तकनीकी बोली प्रक्रिया के ज़रिये अंतर-राष्ट्रीय रसूख वाली अच्छी तरह स्थापित कंपनी को अलाट किया जायेगा। बड़ी प्रमुख इकाई का चयन योग्य और पारदर्शी ढंग के साथ यकीनी बनाने और बोलीकारों को समान मौके देने के लिए टीचाबद्ध मुल्यांकन प्रक्रिया रखी गई है जो सफल बोलीकार को प्रस्ताव में दी गई शर्तों के पूरी तरह पालन करने में सहायता करेगी।
चुनी हुई प्रोजैक्ट कंपनी अलाट की गई ज़मीन पर औद्योगिक पार्क को विकसित करने के लिए पूरी तरह जि़म्मेदार होगी। इस प्रस्तावित प्रोजैक्ट में चुनी हुई कंपनी 50 एकड़ ज़मीन पर अपनी ख़ुद की प्रमुख इकाई लगाएगी। बाकी रहती 50 एकड़ ज़मीन पर कंपनी बड़े राष्ट्रीय और अंतर -राष्ट्रीय उत्पादकों का सहायक के तौर पर सहयोग लेगी।
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