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पार्टी के कहने पर इस्तीफ़ा देने का वायदा करने वाले सुखबीर बादल मुकरे- नवजोत सिंह सिद्धू
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बादलों ने शिरोमणि अकाली दल को प्राईवेट लिमटिड कंपनी बनाया
डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के कैबिनेट मंत्री और कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आज शिरोमणि अकाली दल ख़ास करके इसके प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर तीखे हमले करते हुए कहा कि सुखबीर सिंह बादल झूठ बोलने के आदी हो चुके हैं और अपने पद से इस्तीफ़ा देने से भी मुकर चुके हैं जैसे कि उन्होंने दरबार साहिब में कहा था कि वह पार्टी के कहने पर इस्तीफ़ा दे देंगे।
सिद्धू ने सवाल किया कि क्या टकसाली नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, रत्न सिंह अजनाला, सुखदेव सिंह ढींडसा और सेवा सिंह सेखवां (सभी सीनियर कौर कमेटी मैंबर) और बीबी किरनजोत कौर (मास्टर तारा सिंह की नवासी) अकाली दल का हिस्सा नहीं हैं और इनके इस्तीफ़े भी अभी मंज़ूर नहीं किये गए। क्या सुखबीर सिंह बादल सिर्फ अपने परिवार को ही समूची पार्टी समझते हैं।सिद्धू ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल प्रधान गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं।
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सिद्धू ने कहा कि इन टकसाली नेताओं ने शिरोमणि अकाली दल प्रधान के तानाशाही रवैये के खि़लाफ़ आवाज़ बुलंद की है जिससे कि बादल परिवार को दीवार पर लिखा साफ़ पड़ लेना चाहिए। बादल परिवार को आड़े हाथों लेते हुए सिद्धू ने कहा कि इस परिवार ने शताब्दी पुरानी पार्टी को प्राईवेट लिमटिड कंपनी बना कर रख दिया है और प्रकाश सिंह बादल अपने पुत्र के मोह वश में पड़ कर धृतराष्ट्र की तरह व्यवहार करने लग पड़े हैं। बादल परिवार ने सत्ता में रहते हुए अपने होटल बनाए और पंजाब की लूटपाट की।
सिद्धू ने आगे कहा कि शिरोमणि अकाली दल में लोकतंत्र नाम की कोई चीज़ नहीं है क्योंकि सारी सत्ता सिर्फ बादल परिवार तक ही सिमट कर रह गई है। उन्होंने सवाल किया कि तजुर्बेकार नेताओं के होते हुए 2014 में हरसिमरत बादल को ही क्यों केंद्रीय मंत्री मंडल में स्थान देने को प्राथमिकता दी गई।
समूचा परिवार निम्न दर्जे की राजनीति करने पर उतर आया
सिद्धू ने आगे कहा कि वास्तव में बात यह है कि सुखबीर सिंह बादल की बागडोर हरसिमरत कौर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया के हाथ है जबकि प्रकाश सिंह बादल मेहमान भूमिका निभा रहे हैं। सफ़ेद झूठ बोलने के लिए प्रकाश सिंह बादल को आड़े हाथों लेते हुए सिद्धू ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल और उनका समूचा परिवार निम्न दर्जे की राजनीति करने पर उतर आया है।
उन्होंने कहा कि 93 वर्षों की उम्र में प्रकाश सिंह बादल सूबे के राज्यपाल के पास जाकर मेरे (नवजोत सिंह सिद्धू) खि़लाफ़ कार्यवाही की गुहार लगाते हैं परन्तु माननीय अदालत ने उनके (नवजोत सिंह सिद्धू) खि़लाफ़ कार्यवाही की अर्जी रद्द करके बादलों को शीशा दिखा दिया है।
उन्होंने सवाल किया कि क्यों प्रकाश सिंह बादल अमृतसर रेल हादसे के बाद एक बार भी मारे गए लोगों के परिवारों और ज़ख्मियों का हाल-चाल पूछने नहीं गए परन्तु उन (नवजोत सिंह सिद्धू) पर सवाल उठा रहे हैं जबकि वह तो हादसे के समय केरला में थे।
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