युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ना समय की जरूरत- ठाकुर अरुण सिंह
डेली संवाद, जालंधर
सर्वहितकारी शिक्षा समिति के मुख्यालय विद्या धाम में “ साहित्य दर्शन व पुस्तक मेला ” के दूसरे दिन का शुभारम्भ जालंधर के पुलिस कमिश्नर आई.पी.एस. गुरप्रीत सिंह भुल्लर और दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रोवाइस चेयरमैन व संतवाल्व प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर ठाकुर अरुण सिंह धूमल ने ज्ञान दायिनी मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया।
इस शुभ अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह महानगर संघचालक विजय गुलाटी, संघ के सह विभाग संपर्क प्रमुख विवेक थापर, सर्वहितकारी शिक्षा समिति के प्रांतीय अध्यक्ष यशपाल गोयल, विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के सह संगठन मंत्री विजय नड्डा, महामंत्री अशोक बब्बर, वित्त सचिव सतपाल आरोड़ा, मंत्री हनी (संजीव) संगर, सदस्य शशिकांत(मुक्तसर साहिब), विनोद (धुरी) इसके अतिरिक्त जैनिथ पब्लिक स्कूल के टीचर्स श्रीमती सुनीता व श्रीमती राजिन्द्र कौर के उपस्थित थे।
इस प्रकार के मेले बार-बार लगने चाहिए
विद्या धाम में “ साहित्य दर्शन व पुस्तक मेला ” के दूसरे दिन के शुभ अवसर पर प्रातः 10 बजे ही मेले में भारी संख्या में पहुंचे छात्रों को देखकर ऐसा लग रहा था मानो युवा वर्ग पुनः वेदों और पुराणों की ओर लौट रहे हैं। सबसे अधिक भीड़ इसी स्टाल पर देखने को मिली। छात्रों का कहना था कि उन्होंने आज तक पढ़ना तो दूर वेद और पुराण देखे भी नहीं हैं।
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एस.बी.टी. पब्लिक स्कूल की टीचर भावना ने सुझाव पुस्तिका में लिखा कि इस प्रकार के मेले बार-बार लगने चाहिए। पुस्तक मेला देखकर जैनिथ पब्लिक स्कूल की टीचर राजिन्द्र कौर का कहना है कि मुझे तो पता ही नहीं था कि इतनी श्रेष्ठ पुस्तकें यहाँ देखने को मिलेंगी। उनका कहना है कि शैक्षिक पुस्तकों के साथ इन पुस्तकों का अध्ययन भी आवश्यक है।
सर्वहितकारी शिक्षा समिति का यह प्रयास सराहनीय
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि बूँद-बूँद से सागर भरता है। सर्वहितकारी शिक्षा समिति का यह प्रयास सराहनीय है और यह छोटा सा प्रयास समाज के विकास में सहायक होगा। ठाकुर अरुण सिंह धूमल ने शिक्षा समिति को साधुवाद देते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था ठीक होने पर ही भारत विश्व गुरु बन सकता है।
इस पुस्तक मेले में भारतीय संस्कृति से सम्बंधित वेद, पुराण, शास्त्र, रामायण, श्रीमद भगवत गीता के साथ विज्ञान, पंजाबी साहित्य, योग, महापुरुषों की जीवनियों पंच तंत्र की कहानियाँ सहित अन्य 600 प्रकार की ज्ञानवर्धक और रुचिपूर्ण पुस्तकें उपलब्ध हैं जिनका मूल्य 10 रुपए से 700 रूपये तक है।
इस साहित्य दर्शन और पुस्तक मेले के प्रमुख नरेंद्र जी ने बताया कि एक ओर तो वेद, पुराण और रामायण खरीदने में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है तो दूसरी ओर छात्रों में पंच तंत्र की कहानियों, जीवनियों और बाल साहित्य में विशेष रूचि दिखाई पड़ रही है। यहाँ 12 स्कूलों के लगभग 800 बच्चे पुस्तकें खरीदी।
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