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मैकलोडगंज में गोलीबारी के बाद दूसरा पक्ष बुकी विवेक को मारने की ढूंढ रहा है
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बुकी विवेक महाजन की हत्या करना चाहते थे गैंगस्टर
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वेस्ट से लेकर नार्थ और सैंट्रल में करोड़ों का लगता है सट्टा, नेताओं का संरक्षण
डेली संवाद, जालंधर
हिमाचल के मैकलोडगंज में जुआ चल रहा था। जुए के साथ शराब और शबाब का भी दौर जमकर चला। शराब और शबाब इतनी चढ़ गई कि जुआरियों ने लेनदेन को लेकर गोली चला दी। इसमें दो लोग घायल हुए। यहीं से शुरू हुई जालंधर के बुकी विवेक महाजन उर्फ कूका की हत्या करने की प्लानिंग। दूसरे पक्ष ने महाजन की हत्या करने की खुली चुनौती दे रखी थी।
यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है, बल्कि जालंधर की गीता कालोनी में रहने वाले विवेक महाजन द्वारा जुआ खेलने से लेकर बुकी बनने और गैंगस्टरों के साथ शामिल होने की असली कहानी है। सूत्रों की मानें तो विवेक महाजन की हत्या हो जाती अगर गैंगस्टरों का फायर मिस न होता। ये जुआ की आड़ में दो गुटों के शूटआउट की कहानी है। जिनके आगे जालंधर पुलिस पूरी तरह से नतमस्तक है और इसे राजनीतिक संरक्षण बताया जा रहा है।
यह है मामला
रैनक बाजार के एसी मार्केट की पांचवीं मंजिल पर वीरवार तड़के फायरिंग हुई। इसमें अली मोहल्ला निवासी जिम ट्रैनर साहिल जख्मी हो गया। आरोप है इस गैंग ने जुआरियों से पैसा लूटा था, जिससे जुआरियों ने साहिल को गोली मारी। इस केस में पक्का बाग निवासी मंजीत सिंह बाबी, काला संघिया रोड गीता कालोनी निवासी विवेक महाजन उर्फ काकू, आदमपुर के दविंदर डीसी, नकोदर रोड निवासी केबल आपरेटर नरेश देवगन उर्फ शौंकी, सुभाना के अमित सुभाना, रस्ता मोहल्ला के काका और साहिल केला, कपूरथला के राकी और पाडा जुआ खेल रहे थे।
जिसे लूटने के लिए अली मोहल्ला के साहिल गिल उर्फ मासी, लल्ली, सांगा, बस्ती गुजां के नंदू, नितिन और तरुण पहुंचे थे। विवेक महाजन के दोस्तों का कहना है कि ये लोग विवक की हत्या करना चाहते थे, जिससे उसकी कनपटी पर पिस्तौल तानकर दो बार फायरिंग भी की, लेकिन मिस हो गया। इस पर विवेक ने फायर कर दिया, जो गिल की टांग में लगी।
नेताओं के संरक्षण का हवाला देकर पुलिस कर रही है मौज
शहर में उभरते गैंगस्टर और बुकी को खुलेआम पुलिस संरक्षण दे रही है। जब कोई घटना होती है तो इसे राजनीतिक तूल देकर राजनीतिक संरक्षण का हवाला दिया जाता है। बस्तियात इलाके से लेकर सैंट्रल और नार्थ में खुलेआम जुआ और बुकीज का काम होता है, लेकिन पुलिस को कुछ नजर नहीं आ रहा है। शहर के चार बड़े बुकीज हर महीने लाखों रुपए पुलिस को देते हैं, ऐसा सोर्स बताते हैं।
बुकीज ने तो एक बड़े अखबार के रिपोर्टर को भी पीट डाला
शहर के एक बड़े अखबार के दो रिपोर्टर को एक बुकीज ने बीच सड़क पीटा। इस बुकीज ने पहले दो रिपोर्टरों को पीटा फिर माफी मांग कर समझौता कर लिया। हैरानी की बात तो यह रही है कि पुलिस ने ही पूरा समझौता करवाया। पुलिस बुकीज के साथ मिलकर समझौता करवा रही है, तो आप इसी से ही पुलिस और बुकीज के कनैक्शन का अंदाजा लगा सकते हैं।
जालंधर में शूट आउट, देखें LIVE
https://www.youtube.com/watch?v=HizCmF01aO4
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