डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने पंजाब स्टेट लेजिस्लेचर (प्रिवेंशन ऑफ़ डिसक्वॉलिफिकेशन) संशोधन एक्ट पर हस्ताक्षर कर दिए है। जिससे विधायकों का अब चेयरमैन बनने का रास्ता साफ हो गया है। इससे सरकार अब विधायकों को बोर्ड और कारपोरेशन में चेयरमैन नियुक्त कर सकती है।
‘शूट आउट @ मैकलोडगंज टू जालंधर’ LIVE : ये जुआरी हैं बड़े खतरनाक, इनके आगे पुलिस भी नतमस्तक! लूट तो बहाना है, विवक महाजन की होनी थी हत्या, पढ़ें बुकी और गैंगस्टर की कहानी
सरकार ने इसकी गज़ट नोटिफिकेशन जारी करके अब विधायकों के चेयरमैन बनाने का रास्ता साफ़ कर दिया। उधर, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा क़ि बोर्ड और कारपोरेशन के चेयरमैन बनाने के लिए वरिष्ठता को प्राथमिकता दी जाएगी। मसलन जो लोग तीन बार विधायक रह चुके है, उन्हें प्राथमिकता मिलेगी।
#MeToo: भाजपा की महिला कार्यकर्ता ने RSS के पदाधिकारी पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, शिकायत करने थाने पहुंची तो SHO ने भगाया
ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट से विधायकों को निकलने के लिए पंजाब विधानसभा में अगस्त में बिल पेश हुआ था, जिस पर राज्यपाल ने साइन करने से पहले क़ानूनी राय लेने के लिए इसे अपने पास रख लिया था लेकिन सोमवार शाम को साइन कर दिए।
सीएम के विदेश से लौटने से पहले ही सरकार ने इसकी गजट नोटिफिकेशन जारी कर दी। नोटिफिकेशन जारी होते ही विधायकों ने सीएमओ के अधिकारियो और प्रदेश प्रधान से बैठकें शुरू कर दी है। 25 से ज्यादा बोर्ड और कारपोरेशन ऐसे हैं, जहां चेयरमैन नियुक्त किए जा सकते हैं।
Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…