नई दिल्ली। एमजे अकबर ने अमेरिका में बसी पत्रकार पल्लवी गोगोई के रेप आरोपों को खंडन किया है। अकबर का दावा है कि 1994 के आसपास के उनके और पल्लवी सहमति से रिश्ते में थे और इसकी वजह से उनके परिवार में भी तनाव की वजह बन गया हुआ था। बाद में यह रिश्ता खराब ताल्लुकात के साथ खत्म हो गया।
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न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए बयान में उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने उनके साथ काम किया है वह हमारे और पल्लवी के बारे में जानते हैं, वह उस बात की गवाही देने के लिए तैयार हैं क्या उनमें से किसी को पल्लवी का व्यवहार देखकर ऐसा लगा कि वह किसी भी दबाव में थी।
एमजे अकबर ने अमेरिका में बसी पत्रकार पल्लवी गोगोई के रेप आरोपों को खंडन किया है। अकबर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है कि 2 नंवबर 2018 में वाशिंगटन पोस्ट में लिखे एक लेख में पल्लवी गोगोई ने उनके ऊपर झूठे और गलत आरोप लगाए हैं। मैंने इस लेख को पढ़ा है और यह जरूरी हो गया है कि कुछ तथ्य सबके प्रकाश में लाए जाएं।
I don't know Pallavi's reasons for telling this lie, but a lie it is: #MJAkbar's wife Mallika Akbar to ANI on journalist Pallavi Gogoi's rape allegations in the Washington Post against her husband pic.twitter.com/SFws1TwWhx
— ANI (@ANI) November 2, 2018
इसके आगे अकबर ने दावा है कि 1994 के आसपास के वह और पल्लवी सहमति से रिश्ते में थे और कई महीने में तक चला। इसकी वजह से उनके परिवार में भी तनाव हुआ था बाद में यह रिश्ता खराब ताल्लुकात के साथ खत्म हो गया।
Former Union Minister #MJAkbar in a statement to ANI denies rape allegations levelled against him by journalist Pallavi Gogoi in Washington Post. pic.twitter.com/RqWYuQycgu
— ANI (@ANI) November 2, 2018
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने उनके साथ काम किया है वह हमारे और पल्लवी के बारे में जानते हैं, वह उस बात की गवाही देने के लिए खुशी-खुशी तैयार हैं, उनमें से किसी को भी ऐसा नहीं लगा कि पल्लवी किसी भी दबाव में थी।
वाशिंगटन पोस्ट में लिखे एक लेख में पल्लवी गोगोई ने आरोप लगाया है
गौरतलब है कि वाशिंगटन पोस्ट में लिखे एक लेख में पल्लवी गोगोई ने आरोप लगाया है कि एमजे अकबर समाचारपत्र ‘द एशियन एज’ के प्रधान संपादक थे, जब वह (पल्लवी) ‘अकबर से प्रभावित 22-वर्षीय पत्रकार’ के रूप में समाचारपत्र से जुड़ी थी।
पल्लवी लिखती हैं, वह उनकी ‘भाषा तथा वाक्यांशों से मंत्रमुग्ध थीं’ और सभी प्रकार का ‘ज़ुबानी अत्याचार’ बर्दाश्त करती गईं, क्योंकि वह इसे सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा मानती रहीं।
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