अशोक सिंह भारत
डेली संवाद, रायपुर/नई दिल्ली
दो चरणों में हो रहे छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग सोमवार की शाम को समाप्त हो गई। आठ जिलों की 18 सीटों के लिए 70.08 प्रतिशत मतदान हुआ। माओवादियों के गढ़ में बड़ी संख्या में हुई वोटिंग से जनता ने यह साबित कर दिखाया कि बंदूकों के डर पर लोकतंत्र की ताकत भारी है।
छत्तीसगढ़ में दिन 18 विधानसभा सीटों पर सोमवार सुबह से वोटिंग हुई। इनमें से आठ नक्सल प्रभावित जिले हैं। कोंडागांव, केशकाल, कांकेर, बस्तर, दंतेवाड़ा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, खुज्जी में जमकर वोट पड़े। इस दौरान नक्सलियों ने कई जगहों पर वोटिंग प्रभावित करने की कोशिश भी की, लेकिन सुरक्षाबलों ने उनकी हर कोशिश को नाकाम कर दिया।
नक्सलियों से मुठभेड़
बीजापुर जिले के पामेड़ में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में पांच नक्सली ढेर हो गए। इस दौरान कोबरा बटालियन के 5 जवान भी घायल हुए। सभी घायलों की स्थिति सामान्य बनी हुई है और वे खतरे से बाहर हैं। इसी तरह बैरमगढ़ में पोलिंग बूथ के पास की सड़क पर आईईडी विस्फोटक भी लगाया गया, लेकिन सुरक्षा बलों ने उसे डिफ्यूज कर दिया।
मतदान के लिए इन इलाकों में 4,336 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। कई जगह चुनाव का बहिष्कार करने से जुड़ी नक्सलियों की चेतावनी और बैनर-पोस्टर्स के बावजूद बड़ी संख्या में वोटर्स मतदान के लिए निकले। इन सीटों पर शाम को मतदान समाप्त होने तक 70.08 फीसदी मतदान हुआ। पहले फेज की वोटिंग में करीब 31 लाख 80 हजार वोटर हैं। इसमें से लगभग 16 लाख महिला मतदाता हैं।
नयनार मतदान बूथ संख्या 183 तक पहुंच गई
दंतेवाड़ा जिले के केतकल्याण ब्लॉक में तुमाकपाल कैंप के पास नक्सलियों ने 1-2 किलोग्राम इम्प्रोविज्ड एक्सप्लोजिव डिवाइस (आईईडी) से विस्फोट किया। एआईडी (ऐंटी नक्सल ऑपरेशंस) देवनाथ ने बताया, ‘सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए लगभग 5:30 बजे तुमाकपाल-नयनार रोड पर नक्सलियों ने आईईडी को ट्रिगर किया था। सुरक्षा बलों और चुनावकर्मी दल को कोई नुकसान नहीं हुआ है और पार्टी सुरक्षित रूप से नयनार मतदान बूथ संख्या 183 तक पहुंच गई।’
सुकमा जिले के कोंटा स्थित बांदा में एक मतदान केंद्र के पास आईईडी विस्फोटक का पता चला। इसके बाद वास्तविक मतदान केंद्र से दूर एक पेड़ के नीचे बनाए गए अस्थायी मतदान बूथ के बाहर मतदाताओं ने कतार लगा ली। मतदान केंद्र के पास तीन आईईडी का पता चला और सीआरपीएफ बम निरोधक दल ने उन्हें डिफ्यूज करने की प्रक्रिया को अंजाम दिया। तब तक पेड़ के नीचे मतदान जारी रहा।
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