डबलिन। आयरलैंड में बलात्कार के एक आरोपी को रिहा करने के विरोध में सोशल मीडिया पर जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। दरअसल अदालत में आरोपी के वकील ने पीड़िता के अंडरवेअर को अहम सबूत के तौर पर पेश किया था और इसे सहमति से सेक्स का मामला बताया था।
इसके खिलाफ महिलाएं अपने-अपने अंडरवेअर की तस्वीरों को #ThisIsNotConsent (यह सहमति नहीं है) हैशटैग के साथ ट्वीट कर रही हैं। आयरलैंड की सांसद रूथ कॉपिंगर ने तो सदन में अंडरवेअर लहराकर अपना विरोध दर्ज कराया है।
जब महिला सांसद ने सदन में लहराया अंडरवेअर
Clothes are not consent. Here are some photos from the #ThisIsNotConsent rally earlier. #dubw pic.twitter.com/Tpo8M5IF9k
— Ruth Coppinger (@RuthCoppingerSP) November 14, 2018
‘पीड़िता को ही दोषी ठहराने’ की मानसिकता का विरोध करने के लिए आयरलैंड की महिला सांसद रूथ कॉपिंगर सदन में नीले रंग का थॉन्ग (लेस वाला अंडरवेअर) लेकर पहुंची। उन्होंने ट्रायल के दौरान कोर्ट में पीड़िता का अंडरवेअर दिखाए जाने का तीखा विरोध करते हुए कहा, ‘यहां थॉन्ग दिखाना शर्मसार करने वाला हो सकता है…लेकिन सोचना होगा कि जब एक महिला के अंडरवेअर को कोर्ट में दिखाया गया तो उसे कैसा लगा होगा।’
In Cork earlier today 😍 #ThisisNotConsent pic.twitter.com/q8WhhG9vxG
— I Believe Her – Ireland (@ibelieveher_ire) November 14, 2018
यह है पूरा मामला
17 साल की एक लड़की के साथ बलात्कार के मामले में कोर्क की एक अदालत ने 6 नवंबर को 27 वर्षीय आरोपी को बरी कर दिया था। ट्रायल के दौरान अपनी फाइनल दलीलें पेश करते हुए आरोपी की वकील एलिजाबेथ ओ’कोनल ने कोर्ट में थॉन्ग को पेश करते हुए कहा था, ‘क्या यह सबूत काफी नहीं है कि पीड़िता आरोपी के प्रति आकर्षित थी और वह किसी से मिलने या किसी के साथ के लिए पूरी तरह तैयार थी।
Some of our volunteers attended the End Victim Blaming in the Courts Dublin rally organised by @RosaWomen today and took these pictures of protesters' signs, on the theme of #ThisIsNotConsent
Solidarity with all survivors ❤️ pic.twitter.com/hFLXlwW25P— Abortion Rights IE (@freesafelegal) November 14, 2018
आपको यह देखना पड़ेगा कि वह किस तरह का ड्रेस पहने हुए थी। वह एक लेस फ्रंट वाला थॉन्ग पहनी हुई थी।’ बचाव पक्ष की वकील ने इसे सहमति से सेक्स का मामला बताया था। बाद में कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया। इस फैसले के बाद से ही आयरलैंड में ‘विक्टिम-ब्लेमिंग’ के खिलाफ सोशल मीडिया पर जबरदस्त आक्रोश दिख रहा है। जगह-जगह रैलियां हो रही हैं।
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