डेली संवाद, जालंधर
बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले।
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले….
हाईकोर्ट में पूर्व मेयर सुरेश सहगल को अग्रिम जमानत मिलने के बाद हड़ताल और धरने पर बैठे अफसरों की जमकर किरकिरी हुई है। उपरोक्त पंक्तियां निगम अफसरों पर बिल्कुल सटीक बैठती है। तीन दिन पहले मेयर जगदीश राजा समेत अन्य नेताओं ने अफसरों से हड़ताल खत्म कर काम पर आने को कहा, जिसे अफसरों ने नकार दिया था। आज अफसर ही बैकफुट पर आ गए। इसे मैनेज करने के लिए अफसरों के एक ‘दूत’ ने मेयर और विधायक राजिंदर बेरी का सहारा लिया।
पिछले कई दिनों से पूर्व मेयर सुरेश सहगल की गिरफ्तारी को लेकर हड़ताल पर अड़े अफसरों ने शहर के किसी भी नेता की नहीं सुनी। यहां तक कि मेयर जगदीश राजा की भी बात अफसरों ने नकार दिया। जिससे गिरफ्तारी को लेकर हड़ताल पर जुटे रहे। आज हड़ताली अफसरों की उस वक्त मुंह की खानी पड़ी जब कोर्ट ने पूर्व मेयर की याचिका स्वीकार करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
अफसर अपनी इज्जत बचाने के लिए मेयर की शरण में आए
इस फैसले के बाद अपनी इज्जत बचाने के लिए अफसरों ने मेयर के अफसर ‘दूत’ से मिन्नतें की। जिससे मेयर जगदीश राजा और विधायक राजिंदर बेरी को निगम के टाउन हाल में बुलाया गया। एक मीटिंग हुई। उसमें मैसेज देने की कोशिश की गई कि विधायक राजिंदर बेरी और मेयर जगदीश राजा अफसरों के साथ हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जो अफसर कल तक इस मुद्दे पर मेयर की बात को नकार चुके थे, आज वही अफसर अपनी इज्जत बचाने के लिए मेयर की शरण में आए। और मेयर ने भी उनका पूरा सहयोग किया।
फिलहाल अफसरों का दावा है कि मीटिंग में विधायक राजिंदर बेरी और मेयर जगदीश राजा ने आश्वासन दिया है कि वे पूर्व मेयर सुरेश सहगल की जमानत रद्द करवाने में पूरी मदद करेंगे। अफसरों ने कहा कि उनकी हड़ताल खत्म नहीं, बल्कि स्थगित की गई है। बैठक में एसई अश्वनी चौधरी, रजनीश डोगरा, किशोर बांसल, एटीपी लखबीर सिंह, सुपरिंटैंडेंट मनदीप सिंह, इंस्पैक्टर अजीत शर्मा, रूपिंदर टिवाणा समेत अन्य अफसर मौजूद थे।
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