अशोक सिंह भारत
डेली संवाद, नई दिल्ली/अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद रविवार को धर्मसभा का आयोजन करने जा रही है. वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शनिवार को अयोध्या पहुंच रहे हैं. बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति को देखते हुए भारी तादात में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. इससे रामनगरी का माहौल गरमा गया है. अयोध्या में एक बार फिर 1992 जैसे हालात बनते दिख रहे हैं. अयोध्या मामले के पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि भीड़ जमा होने से अयोध्या में भय का माहौल है।
उद्धव ठाकरे शिवाजी के जन्मस्थान की मिट्टी लेकर शनिवार (24 नवंबर) दोपहर 2 बजे अयोध्या पहुंच रहे हैं. उद्धव के पहुंचने के पहले बड़ी तादाद में शिवसेना कार्यकर्ता अयोध्या में जुटना शुरू हो चुके हैं. विश्व हिंदू परिषद ने भी अपने सभी लोगों से अयोध्या पहुंचने की अपील की है, जहां एक बड़े सम्मेलन के ज़रिए वो सरकार पर संसद के ज़रिए मंदिर बनाने का रास्ता खोलने का दबाव बनाने की तैयारी में है।
किले में तब्दील हो गई है अयोध्या
वहीं इलाके में माहौल ना बिगड़े इसके लिए प्रशासन भी मुस्तैद है. रामनगरी को किले में तब्दील कर दिया गया है. इलाके में पीएमसी की 48 कंपनी, आरएफ की 9 कंपनी, 30 एसपी, 350 उपनिरीक्षक, 175 हेड कॉन्स्टेबल, 1350 कॉन्स्टेबल, निगरानी के लिए 2 ड्रोन लगाए गए हैं. प्रशासन ने कस्बे को 7 जोन और 15 सेक्टरों में बांटा है. वहीं इलाके के लोग जरूरी सामान खरीदकर पहले से ही घर में रख रहे हैं. इलाके के लोगों को डर है कि कहीं 1992 जैसी घटना ना हो।
अयोध्या में सेना की तैनाती हो – अखिलेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि राम मंदिर मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और बीजेपी को ना तो सुप्रीम कोर्ट और ना ही संविधान में विश्वास है और वह अपने हित के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इसका ध्यान रखे और जरूरत हो तो अयोध्या में सेना की भी तैनाती की जाए. वहीं अखिलेश के इस बयान पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि मुझे नहीं लगता है कि वहां पर सेना की तैनाती की जरूरत है। (इनपुट-AAJTAK)
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