लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय नेताओं के कालेधन के बारे में बताएगा स्विस बैंक, सियासत में आएगी उबाल

Daily Samvad
3 Min Read
इसे भी पढ़ें: दलित छात्रों के वजीफों पर राजनीति करते रहे नेता, करोड़ों रुपए डकार गई लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU)

नई दिल्ली/बर्न। कालेधन के लिए सुरक्षित पनाहगार के रूप में मशहूर स्विट्जरलैंड अपनी छवि को सुधारने में लगा हुआ है। स्विट्जरलैंड दो कंपनियों और तीन लोगों के बारे में भारतीय एजेंसियों को जानकारी देने के लिए राजी हो गया है। इन कंपनियों और लोगों के खिलाफ भारत में कई जांच चल रही हैं।

दोनों भारतीय कंपनियों में से एक सूचीबद्ध कंपनी है और कई उल्लंघनों के मामले में बाजार नियामक सेबी की निगरानी का सामना कर रही है, जबकि दूसरी कंपनी का तमिलनाडु के कुछ राजनेताओं से संबंध बताया जाता है। स्विस सरकार के राजपत्रित अधिसूचना के मुताबिक, स्विस सरकार का संघीय कर विभाग जियोडेसिक लिमिटेड और आधी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के बारे में किए गए अनुरोधों पर भारत को ‘प्रशासनिक सहायता’ देने के लिए तैयार हो गया है।

पढ़ें: जालंधर के न्यूरो सर्जन ने नर्स से की छेड़खानी, विरोध करने पर डाक्टर ने ही नर्सों को बेरहमी से पीट दिया

जियोडेसिक लिमिटेड से जुड़े तीन लोगों, पंकज कुमार ओंकार श्रीवास्तव, प्रशांत शरद मुलेकर और किरन कुलकर्णी- के मामले में विभाग ने इसी तरह के अनुरोध पर सहमति जताई है। हालांकि स्विस सरकार ने दोनों कंपनियों और तीनों व्यक्तियों के बारे में भारतीय एजेंसियों द्वारा मांगी गई जानकारी और मदद से जुड़े विशेष विवरणों का खुलासा नहीं किया है।

इस तरह की ‘प्रशासनिक सहायता’ में वित्तीय और टैक्स संबंधित गड़बड़ियों के बारे सबूत पेश करने होते हैं और बैंक खातों और अन्य वित्तीय आंकड़े से जुड़ी जानकारियों शामिल होती हैं। संबंधित कंपनियां और लोग भारत को प्रशासनिक सहायता प्रदान करने के लिए स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) के निर्णय के खिलाफ अर्जी दायर कर सकते हैं।

कंपनियों का काला था कारोबार!

नई प्रौद्योगिकी समाधान उपलब्ध कराने वाली जियोडेसिक लिमिटेड की स्थापना 1982 में हुई थी। इस कंपनी की अब न तो वेबसाइट चल रही है और न अब यह एक सूचीबद्ध इकाई है क्योंकि शेयर बाजार ने इनके शेयरों में कारोबार को प्रतिबंधित कर रखा है। कंपनी और उसके निदेशकों को सेबी के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय और मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की जांच का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं, आधी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना चेन्नै में 2014 में हुई थी। कंपनी के रीयल एस्टेट और अन्य कारोबार में तेज वृद्धि देखी गई थी, लेकिन दागी नेताओं और कथित मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के चलते कंपनी की मुश्किलें जल्द शुरू हो गई। (साभार-NBT)

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…















Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *