डेली संवाद, जालंधर
जालंधर नगर निगम का खजाना खाली है। शहर के परेशान पब्लिक कौंसलर, मेयर, विधायक और सांसद तक गुजारिश कर रही है। काम भी कोई बड़ा नहीं है। काम है बारिश में जलभराव। सीवरेज जाम है। रोड खराब है। स्ट्रीट लाइट बुझी है। पानी गंदा आ रहा है। लेकिन अफसरों का एक ही बहाना है कि निगम का खजाना खाली है। मेयर कहते हैं विधायक से मिलो, विधायक कहते हैं मेयर से बात करो। जिससे कौंसलर इधर-उधऱ दर-दर भटक रहे हैं। एसे में एक युवा कौंसलर ने कुछ ही अलग ही करने का मन बनाया।
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पहली बार कौंसलर चुने गए वार्ड-58 के राजविंदर सिंह राजा। इलैक्शन के समय वार्ड के लोगों से कई वायदे किए। चुनाव जीते। अब जब कौंसलर बने तो निगम के पास पैसा नहीं। एसे में कौंसलर राजविंदर सिंह राजा ने अपने इलाके में खुद के पैसे से काम करवाने को ठानी। युवा जोश और साथियों के सहयोग से राजा ने सबसे पहले कई साल से चली आ रही वाटर लागिंग की परेशानी को दूर करने को ठानी।
उन्होंने किशानपुरा चौक से लेकर लम्मा पिंड चौक के बीच जहां-जहां भी वाटर लागिंग की समस्या थी, अपने खर्चे से स्टार्म सीवर लाइन बिछवाई। टाइलें लगवाई। जिससे इस बार बारिश में यह इलाका झील नहीं बनेगा। राजा कहते हैं कि पिछले कई महीने से निगम अफसरों के दफ्तर का चक्कर काट कर थक गया। जिससे मैंने फैसला किया है कि अपने पैसे से काम करवाऊंगा। क्योंकि पब्लिक का लगातार दबाव था।
कौंसलर राजविंदर सिंह राजा ने अपने खर्चे से अन्य काम भी शुरू करवाया। वार्ड में सफाई करवाने के लिए उन्होंने नया रास्ता अख्तियार किया। जिससे सफाई व्यवस्था पटरी पर आई। वे कहते हैं कि पब्लिक ने हमें बड़ी उम्मीदों से चुना है। हम उन्हें सुविधाएं देने के लिए हैं, लेकिन अफसर सुनते नहीं है।
https://youtu.be/mTI_R1FeJ-E
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