नई दिल्ली। वाहन निर्माता कंपनियों ने सफर के दौरान बच्चों की सुरक्षा के लिए कारों में चाइल्ड लॉक की अतिरिक्त सुविधा देनी शुरू की है, पर चाइल्ड लॉक महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा है। इसको देखते हुए सरकार ने जुलाई 2019 तक देशभर में कारों से चाइल्ड लॉक हटाने के आदेश दिए हैं।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 20 नवंबर को अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि चाइल्ड लॉक चलती कार में बच्चों को सुरक्षित रखता है। संरक्षा की दृष्टि से कार में यह लॉक बच्चों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन चाइल्ड लॉक की मदद से कार ड्राइवर अकेली सफर कर रही महिला के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करते हैं।
इसे भी पढ़ें: सांसद संतोख चौधरी से बीच सड़क क्यों लगवाया गया झाड़ू-पोंछा ? दलित समुदाय क्यों है खफा?
अधिसूचना मे कहा गया है कि देश के कई शहरों में ऐसी घटनाएं सामने आईं हैं। अपराधिक तत्व चाइल्ड लॉक की सुविधा का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इसको देखते हुए कारों से चाइल्ड लॉक हटाने का फैसला किया गया है। खासकर मोबाइल एप आधारित टैक्सियों व दूसरी टैक्यिों में जुलाई 2019 तक लॉक हटाना अनिवार्य होगा।
मंत्रालय ने सभी राज्यों के परिवहन विभाग के सचिव, परिवहन आयुक्त व प्रधान सचिव को निर्देश जारी कर दिए हैं। परिवहन विशेषज्ञ अनिल छिकारा का कहना है कि महिलाओं के प्रति छेड़छाड़ की घटनाएं व दुरुपयोग को देखते हुए इसे हटाने का फैसला किया गया।
क्या होता है चाइल्ड लॉक
कार के पिछले दरवाजों में चाइल्ड लॉक लगाए जाते हैं। यह ऑटोमैटिक के बजाए मैन्युअल काम करता है। ड्राइवर पिछले दरवाजों में लगे स्विच को ऑन कर देते हैं, इसके बाद भीतर से कार के दरवाजों को नहीं खोला जा सकता है।
यह ड्राइवर की मर्जी पर है जब कार खड़ी होगी तब वह बाहर से कार का दरवाजा खोलेगा। चाइल्ड लॉक का स्विच छोटा होता है, जो आम यात्री को आसानी से दिखाई नहीं देता है। (credit-ht)
Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…