नई दिल्ली। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है. ब्रिटेन की एक अदालत ने सोमवार को फैसला दिया कि शराब कारोबारी विजय माल्या को भारतीय अधिकारियों को सौंपा जा सकता है. ब्रिटेन की अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण का मामला कार्रवाई के लिए विदेश मंत्री को भेजा।
इसके बाद अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए विजय माल्या के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया. आपको बता दें कि ठप खड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे 62 वर्षीय माल्या पर करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और धन शोधन का आरोप है. पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर है।
माल्या अपने खिलाफ मामले को राजनीति से प्रेरित बताता रहा
उल्लेखनीय है कि माल्या अपने खिलाफ मामले को राजनीति से प्रेरित बताता रहा है. हालांकि, माल्या ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने एक भी पैसे का कर्ज नहीं लिया. कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस ने लिया था. दुखद कारोबारी की विफलता की वजह से यह पैसा डूबा है. गारंटी देने का मतलब यह नहीं है कि मुझे धोखेबाज बताया जाए”. माल्या ने कहा कि मैंने मूल राशि का 100 प्रतिशत लौटने की पेशकश की है. इसे स्वीकार किया जाएय माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण का मामला मजिस्ट्रेट की अदालत में पिछले साल चार दिसंबर को शुरू हुआ था।
आपको बता दें कि विजय माल्या के प्रत्यर्पण से संंबंधित सुनवाई में शामिल होने के लिए सीबीआई के संयुक्त निदेशक एस साईं मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम लंदन गई है. मनोहर विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की जगह सुनवाई में शामिल हुए. इससे पहले अस्थाना सुनवाई में शामिल होते रहे हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो अधिकारी भी सीबीआई अधिकारी के साथ लंदन गए हैं’।
https://youtu.be/3UL-QHbWF_c
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