चंडीगढ़। 1984 के दंगों के मामले पर घिरते दिख रहे मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ के बचाव में अब पंजाब सरकार उतर आई है। शुक्रवार को पंजाब में कमलनाथ और 1984 के दंगों के संदर्भ में एक प्रस्ताव रखा गया। इसी पर हस्तक्षेप करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कमलनाथ पर लगे आरोपों के बारे में कानून अपना काम कर रहा है।
गौरतलब है कि कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद से अकाली दल ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया है। कमलनाथ पर आरोप है कि 1984 के दंगों के दौरान उन्होंने दिल्ली में भीड़ का नेतृत्व किया और कई सिखों को जिंदा जला दिया था।
कमलनाथ पर आरोप लगने के बाद वह 10 साल तक केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं
पंजाब से सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कमलनाथ के बारे में कहा, ‘कमलनाथ पर आरोप लगने के बाद वह 10 साल तक केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा नानावती कमिशन की रिपोर्ट में कमलनाथ के रेफरेंस को इस केस से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है।’
बता दें कि कमलनाथ 17 दिसंबर को सीएम पद की शपथ लेंगे। 72 साल के कमलनाथ अपने राजनीतिक करियर में पहली बार मुख्यमंत्री पद की कमान संभालेंगे। वह मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से 9 बार सांसद रह चुके हैं। वह 16वीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर भी थे। बता दें कि मध्य प्रदेश में सीएम के नाम को लेकर काफी माथापच्ची के बाद गुरुवार देर रात कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से कमलनाथ के नाम की घोषणा की गई।
कमलनाथ कांग्रेस के चुनिंदा दिग्गज नेताओं में से हैं जो गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम कर चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उन्हें अपना तीसरा बेटा मानती थीं तो उनके छोटे बेटे संजय गांधी के वह बचपन के दोस्त थे। इसी वजह से वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भी काफी करीबी माने जाते हैं।
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