फीरोजाबाद: शहर में स्वच्छता कार्य में लगी निगम की गाड़ियां हर रोज 1200 लीटर डीजल पी रहीं थीं। लेकिन, इसके बाद भी शहर कूड़ा-कूड़ा हो रहा है। डीजल का बकाया 60 लाख पार होने पर पंप मालिक द्वारा सप्लाई बंद कर दी गई। प्रभारी नगरायुक्त की कुर्सी संभालने के बाद डीएम ने डीजल में घोटाले की आशंका पर जांच के आदेश दिए हैं। इससे निगम अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मच गई है।
नगर निगम में शहर की सफाई, पेयजल और प्रकाश व्यवस्था के लिए 140 वाहन हैं। वर्तमान में 122 वाहनों का संचालन किया जा रहा है, बाकी खराब हैं। छोटे-बड़े 85 वाहन सफाई व्यवस्था में लगे हैं। ये शहर के विभिन्न स्थानों से सुबह व शाम दो शिफ्टों में कूड़े का उठान करते हैं। 17 टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाती है।
अन्य वाहन प्रकाश और निर्माण विभाग में सामान ढोने के लिए लगाए गए हैं। एक इनोवा में मेयर और दूसरी में नगर आयुक्त चलते हैं। इनके अलावा चार वाहन किराए के चलते हैं। इन सभी वाहनों के संचालन पर प्रतिदिन 1200 लीटर डीजल खर्च होता है, लेकिन वाहन कहां जाते हैं, इस पर कोई नजर नहीं रखता।
इतना डीजल खर्च होने के बाद भी सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है। इसको लेकर गोलमाल होने की आशंका है। डीएम नेहा शर्मा ने निर्देश दिए हैं, कि सभी वाहनों पर नजर रखी जाए। वाहन कहां गए और किस कार्य से गए, इसका विवरण भी होना चाहिए। सभी विभागाध्यक्ष सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, उसके बाद भी डीजल का भुगतान होगा।
बंद गाड़ियां भी पी रहीं डीजल
नगर निगम के वर्कशॉप में खटारा वाहन खड़े रहते हैं। सूत्रों के मुताबिक सफाई से जुड़े अधिकारी से¨टग के जरिए इन गाड़ियों के नाम पर भी डीजल हड़पा जा रहा है। यह खेल पुराना चल रहा था। वहीं प्राइवेट लग्जरी गाड़ियां भी मनमाफिक तेल पी रहीं थी। हश्र यह हुआ कि बकाया बढ़ने पर पेट्रोल पंप मालिक ने डीजल की आपूर्ति बंद कर दी।
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