‘बुआ-बबुआ’ की जोड़ी ने कांग्रेस को दिया झटका, 38-38 सीटों पर लड़ेगी SP-BSP, जाने गैस्ट हाउस कांड

Daily Samvad
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लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों में उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा पूरी तरह से जुट गई है और आज मायावती और अखिलेश यादव ने सपा-बसपा गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर दिया है। इस ऐलान के मुताबिक, यूपी की 80 सीटों में 38-38 सीटों पर सपा और बसपा लड़ेगी।

बसपा और सपा यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस की परंपरागत सीट अमेठी और रायबरेली में महागठबंधन कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा, वहीं अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोला. अखिलेश यादव ने कहा कि मायावती का अपमान मेरा अपमान है. वहीं मायावती ने कहा कि गेस्ट हाउस कांड को भुलाकर हम साथ आए हैं ताकि देश को बीजेपी से बचा सके।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने क्या कहा

भाजपा के अहंकार का विनाश करने के लिए सपा-बसपा का मिलना जरूरी था. मैनें कहा था कि इस गठबंधन के लिए अगर दो कदम पीछे भी हटना पड़ा तो हम करेंगे. आज से सपा का कार्यकर्ता यह गांठ बांध ले कि मायावती जी का अपमान मेरा अपमान होगा।

हम समाजवादी हैं औऱ समाजवादियों की विशेषता होती है कि हम दुख और सुख के साथ होते हैं. बीजेपी हमारे बीच गलतफैमी पैदा कर सकती है. बीजेपी दंगा-फसाद भी कराया जा सकता है लेकिन हमें संयम और धैर्य से काम लेना है. मैं मायावती जी के इस निर्णय का स्वागत करता हूं. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि अब बीजेपी का अन्त निश्चिचत है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने और क्या कहा

आज बीजेपी के शासनकाल में अघोषित इमरजेंसी लगी हुई है. बीजेपी को इस बार कांग्रेस को हुई 1977 में हुए चुनाव की तरह ही बड़ा नुकसान होने वाला है. सपा-बसपा को कांग्रेस के साथ जाने से कोई खास फायदा होने वाला नहीं है. हमनें अपने अनुभव को ही तरजीह दी है. कांग्रेस का साथ जाने से हमारे वोट शेयर पर बुरा असर पड़ता है।

अगर हम इनके साथ नहीं जाते हैं तो हमारे पास वोट का शेयर ज्यादा रहता है. लिहाजा हमनें इस वजह से कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखा है. हालांकि हमारी पार्टी ने यह फैसला लिया है कि पूरे देश में कांग्रेस पार्टी या इस तरह की किसी भी अन्य पार्टी से गठबंधन करके चुनाव नहीं लड़ेगी जिससे हमारा वोट ही कट जाए।

23 साल पहले हुआ था ‘गेस्ट हाउस कांड’

मायावती के समर्थन वापसी के बाद जब मुलायम सरकार पर संकट के बादल आए तो सरकार को बचाने के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गया। ऐसे में अंत में जब बात नहीं बनी तो सपा के नाराज कार्यकर्ता व विधायक लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्टहाउस पहुंच गए, जहां मायावती ठहरी हुईं थीं। उस दिन गेस्ट हाउस के कमरे में बंद बसपा सुप्रीमो के साथ कुछ गुंडों ने बदसलूकी की। बसपा के मुताबिक सपा के लोगों ने तब मायावती को धक्का दिया और मुकदमा ये लिखाया गया कि वो लोग उन्हें जान से मारना चाहते थे। इसी कांड को गेस्टहाउस कांड कहा जाता है।

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