रोपड़ पुलिस ने सोना भर्ती घोटाले का किया पर्दाफाश
डेली संवाद, रोपड़
पंजाब में हुए सेना भर्ती घोटाले में अहम कामयाबी हासिल करते हुए रोपड़ पुलिस ने इस मामले से सम्बन्धित 5 दोषियों को गिरफ़्तार किया है। पुलिस ने दोषियों से 29 आधार कार्ड, 48 व्यक्तियों से सम्बन्धित फर्जी दस्तावेज़ और 8 लाख रुपए की नकदी बरामद की है।
पुलिस ने इन लोगों से 68 तसदीकियां और एस.एच.ओ, तहसीलदार और कौंसलरों आदि अलग अलग ओहदेदारों से सम्बन्धित सरकारी मोहरें भी ज़ब्त की हैं। पिछले 5 सालों के दौरान इस गिरोह की तरफ से 26 व्यक्तियों को जाली जाति सर्टीफिकेट और रिहायश सम्बन्धी सर्टीफिकेट बनाकर सिख, जेएंडके और आरटीलरी रैजमैंट में फर्जी तरीके से भर्ती किया गया था।
यह गिरोह हरेक व्यक्ति से 3 से 5 लाख रुपए वसूलता था
भर्ती प्रक्रिया के लिए यह गिरोह हरेक व्यक्ति से 3-5 लाख रुपए वसूलता था। इस गोरखधन्धे को पटियाला, फिऱोज़पुर और लुधियाना के भर्ती केन्द्रों के क्लर्कों की मिलीभगत से अंजाम दिया जाता था, जो अपना हिस्सा लेने के बाद फर्जी दस्तावेज़ों को तस्दीक कर देते थे।
प्राथमिक जांच से यह तथ्य सामने आए हैं कि योगेश निवासी स्लेम टाबरी, लुधियाना इस गिरोह का सरगना (मुखी) था, जिसने पिछले 5 सालों के दौरान हरियाणा के करीब 150 व्यक्तियों के फर्जी दस्तावेज़ तैयार किये थे।
जींद के मनजीत और सुनील द्वारा सेना में भर्ती होने के इच्छुक नौजवान फंसाए जाते थे जिससे उनको कम कंपीटीशन वाले पंजाब के इलाकों में लाया जा सके। भर्ती प्रशिक्षण अकैडमी चलाने वाले जींद के निवासी मनजीत और सुनील को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
इसी तरह फिऱोज़पुर के रहने वाले मनोज और अमित भी योगेश को फाजिल्का, मोगा, फरीदकोट और फिऱोज़पुर जि़लों से भर्ती होने वाले नौजवान मुहैया करवाते थे। संदिग्धों की पूछ-ताछ के दौरान लुधियाना, ग्वालियर, फिऱोज़पुर, भुवनेश्वर में तैनात कई नॉन-कमिशन्ड अफसरों (एनसीओ) के नाम भी सामने आए हैं। यह एनसीओ भर्ती अथोरिटी और भर्ती होने वाले नौजवानों के बीच की कड़ी बताए जाते हैं।
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