डेली संवाद, जालंधर
जालंधर के नए भू-माफिया से सांठगांठ कर सरकारी और निजी जमीनों की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले तहसील के अफसरों में हड़कंप मच गया है। डेली संवाद द्वारा खुलासे के बाद डीसी वरिंदर शर्मा ने आज तहसील में कार्यरत सभी अफसरों की जमकर लताड़ लगाई है। डीसी ने तीन अफसरों को सस्पैंड करने की चेतावनी दी है।
जानकारी के मुताबिक आर्दश नगर की करोड़ों रुपए की कोठी को फर्जी तरीके से बेचने के मामले में डीसी वरिंदर कुमार शर्मा ने सख्त रूप अपना लिया है। उन्होंने आज अफसरों से साफ कहा है कि इस मामले में जो भी अफसर संलिप्त पाए गए उन्हें सीधे सस्पैंड किया जाएगा।
सूत्र बता रहे हैं कि तहसील के तीन अफसरों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है। ये वे तीन अफसर हैं, जिनके बिना रजिस्ट्री संभव नहीं है। अभी तक ये अफसर कोठी नंबर 224 की फर्जी पावर ऑफ अटार्नी के मामले मेंं असली आरोपियों को बचाने में जुटे हैं।
अब तक सिर्फ लीपापोती
डिप्टी कमिश्नर वरिन्द्र कुमार शर्मा की सख्ती के बाद सब रजिस्ट्रार मनिंदर सिंह सिद्धू ने पुलिस कमिशनर को शिकायत भेज आरोपियों खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी मगर इस शिकायत में प्राप्टी डीलर, नंबरदार, वसीका नवीस का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया था। बल्कि मामला दर्ज करने के लिए फर्जी चरणजीत सिंह तथा राजिन्द्रपाल सिंह का नाम लिखा गया है जिसे प्राप्टी डीलर तथा नंबरदार ही पहचानते थे।
उधर इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता चरणजीत सिंह का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी अपनी गल्ती छुपाने के लिए पुलिस को गुमराह कर रहे हैं और मामले में असली आरोपियों का बचाव कर रहे हैं। चरणजीत सिंह का आरोप है कि बिना प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के इतनी बड़ी गलती नहीं हो सकती।
यह है मामला
27 दिसंबर 2018 को आदर्श नगर स्थित कोठी नंबर 224 की जाली पावर ऑफ अटार्नी की गई थी जिसमें फर्जी चरणजीत सिंह तथा राजिन्द्रपाल सिंह को मौके के नंबरदार सतपाल द्वारा सब रजिस्ट्रार मनिंदर सिंह सिद्धू के सामने तसदीक किया गया था तथा दोनो के हक में अपनी गवाही दी थी। डीसी ने नंबरदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया।
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