डेली संवाद, महिराज (बठिंडा)
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज बरगाड़ी केस के किसी भी दोषी को क्षमा ना करने का ऐलान किया है, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली राजनीतिज्ञ या पुलिस अफ़सर ही क्यों न हो।
अकालियों द्वारा इस घटना की जांच के लिए स्वयं स्थापित किये गये आयोग की सिफ़ारिशों को भी स्वीकृत न करने और दोषियों पर भी हाथ डालने से नाकाम रहने की कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से गठित विशेष जांच टीम जल्द ही नतीजे पर पहुँचेगी और वह इस बात को निजी तौर पर यकीनी बनाऐंगे कि इस घटना के लिए कोई भी दोषी कानून के शिकंजे में से बच ना पाए।
इस मामले में एक सीनियर पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर लेने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल के घेरे में आए अधिकारी ने स्वाभाविक तौर पर किसी के आदेशों की पालना की और विशेष जांच टीम यह आदेश जारी करने वालों की भी शिनाख्त करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जायेगा।
बादल और उनकी जुंडली अपनी जेबें भरने में ही मस्त रही
मुख्यमंत्री ने आज यहाँ सहकारी बैंकों के कर्जों के विरुद्ध बठिंडा और मानसा के 18308 छोटे किसानों को 97 करोड़ रुपए की राहत मुहैया करवाते हुए इन दोनों जिलों के 10-10 किसानों को औपचारिक तौर पर कर्ज राहत सर्टिफिकेट भी निजी तौर पर सौंपे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अकाली -भाजपा सरकार के 10 वर्षों के दौरान कृषि से लेकर उद्योग और आर्थिकता समेत हरेक क्षेत्र को नुक्सान पहुंचाऐ जाने पर इनको आड़े हाथों लिया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बादल और इसकी जुंडली लोगों का भला करने की जगह पर अपनी जेबें भरने में ही मस्त रही।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने इस बुरे दौर को पलटते हुए नयी शुरुआत की जिसके अंतर्गत अकेले फतेहगड़ साहिब में ही 300 स्टील फ़ैक्टरियाँ फिर चलने लग पड़ी।
पराली न जलाने वाले किसानों की मुख्यमंत्री ने प्रशंसा की
पराली न जलाने वाले किसानों की मुख्यमंत्री ने प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा पराली न जलाने वालों को 100 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की माँग की गई थी जिससे पराली का बढिय़ा तरीकों के साथ प्रबंधन हो सके परन्तु केंद्र सरकार द्वारा इस माँग को भी माना नहीं गया। इसके बावजूद किसानों ने पराली न जलाने का कदम उठाया जिससे पंजाब में हवा के मानक में सुधार हुआ है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने धान के सीजन के दौरान पराली के प्रबंधन के लिए 27500 मशीनें सब्सिडी पर 250 करोड़ रुपए की लागत से मुहैया करवाई। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष इस तरह की 40000 और मशीनें किसानों को 400 करोड़ रुपए की लागत के साथ मुहैया करवाई जाएंगी।
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