डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने शहरी पर्यावरण सुधार प्रोग्राम (यू.ई.आई.पी.) के अंतर्गत बुनियादी ढांचे के विकास के लिए शहरी स्थानीय इकाईयों को 298.75 करोड़ रुपए के फंड जारी करने के लिए स्थानीय निकाय विभाग के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी है।
पंजाब बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (पी.आई.डी.बी.) की तरफ से 50-50 प्रतिशत के हिसाब से दो किश्तों में फंड मुहैया करवाए जाएंगे। वित्त विभाग द्वारा पी.आई.डी.बी. के द्वारा शहरी पर्यावरण सुधार प्रोग्राम के अधीन जि़ला स्तरीय कमेटी का गठन किया जायेगा। संबंधित जि़ला कमेटी यू.ई.आई.पी. के अधीन शहरी बुनियादी ढांचा विकास प्रोजैक्ट के प्रस्ताव, पहचान, पालन और निगरानी का काम करेगी।
प्रोजैक्ट की तकनीकी परीक्षा स्थानीय निकाय विभाग करेगा
यह कमेटियां काम की गुंजाईश और प्रोजेक्टों के वित्तीय खर्च को दर्शाएंगी और जि़ला स्तरीय कमेटियां काम के अनुमानों को स्थानीय निकाय विभाग को भेजेंगी। प्रोजैक्ट की तकनीकी परीक्षा स्थानीय निकाय विभाग द्वारा करवाई जायेगी और आगे पी.आई.डी.बी. को भेजा जायेगा।
इसी तरह शहरी स्थानीय इकाईयों द्वारा करवाए जाने वाले काम स्थानीय निकाय विभाग द्वारा तैयार किये स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एस.ओ.पी.) के अनुसार होंगे और पंजाब म्यूंसिपल निगम एक्ट, पंजाब म्यूंसिपल कमेटी एक्ट और पंजाब नगर सुधार एक्ट के अधीन किये गए उपबंधों की सख्ती से पालना की जायेगी। किसी भी प्रोजैक्ट के खर्च में विभागीय /अचेत खर्चे या अन्य विभागीय खर्चे शामिल नहीं होंगे।
फंड सिर्फ उन प्रोजेक्टों पर ख़र्च किये जाएंगे
शहरी पर्यावरण सुधार प्रोग्राम के अंतर्गत करवाए जाने वाले समूह प्रोजेक्टों का स्थानीय निकाय विभाग द्वारा स्वामित्व तीसरी पक्ष से तकनीकी और वित्तीय ऑडिट करवाया जायेगा। फंड सिर्फ उन प्रोजेक्टों पर ख़र्च किये जाएंगे, जिनके लिए यह स्वीकृत किये जाएंगे। यदि किसी प्रोजैक्ट के काम में किसी किस्म की तबदीली की ज़रूरत हो तो उसकी मंजूरी पी.आई.डी.बी. के कार्यकारी कमेटी द्वारा दी जायेगी।
प्रवक्ता ने बताया कि फंड मौजूद सहूलतों के ऑपरेशन और मैंटेनस (ओ.एंंड.ऐम.) या चल सम्पतियों जैसे कि कम्प्यूटर, खेल किटों, बर्तन, स्टेशनरी, दफ़्तरी फर्नीचर, जिमनेजिय़म की खरीद आदि पर इस्तेमाल नहीं किये जाएंगे। फंड सिर्फ नये प्रोजेक्टों के लिए इस्तेमाल किये जाएंगे न कि बकाया देनदारी का निपटारा के हेतु। कार्यकारी एजेंसी यकीनी बनाऐगी कि इन प्रोजेक्टों में किसी अन्य साधन से प्राप्त होने वाले फंड नहीं जुटाए जाएंगे।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि निर्माण के सभी काम सिर्फ सरकारी ज़मीन /शहरी स्थानीय इकाईयोँ पर ही किये जाएंगे। कोई भी प्रोजैक्ट प्राईवेट ज़मीन पर शुरू नहीं किया जायेगा। तकनीकी और प्रशासकीय मंजूरी स्थानीय निकाय विभाग के समर्थ अधिकारी से प्राप्त की जायेगी।
पी.आई.डी.बी. से प्राप्त किये फंडों पर यदि कोई ब्याज प्राप्त किया जायेगा तो वह पी.आई.डी.बी. को वापस भेजा जायेगा। पी.आई.डी.बी. के फंडों की यदि कोई राशि बचती हो तो वह भी इसी एजेंसी को वापस की जायेगी। फंडों के प्रयोग करने के उपरांत प्रयोग सर्टिफिकेट (यू.सी.) सम्बन्धित डिप्टी कमीशनरों के हस्ताक्षरों समेत पी.आई.डी.बी. को भेजे जाएंगे। प्रवक्ता ने आगे बताया कि अंतिम दिशा-निर्देश पी.आई.डी.बी. द्वारा डिप्टी कमीशनरों को फंड जारी करने के समय सीधे तौर पर जारी किये जाएंगे।
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