विद्यार्थियों को बदल रही तकनीकी ज़रूरतों के साथ तालमेल बनाने में मिलेगी मदद
डेली संवाद, मोहाली
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मोहाली में विश्व स्तरीय पलाक्षा यूनिवर्सिटी का नींव पत्थर रखा। उन्होंने इस अवसर पर करवाए गए समारोह को संबोधन करते हुए उम्मीद जताई कि यह यूनिवर्सिटी राज्य के विद्यार्थियों की किस्मत को बदल देगी और उनको आज के तकनीकी बदलाव के साथ तालमेल बनाने में सहायता करेगी।
बच्चों को आने वाले समय की ज़रूरतों के लिए तैयार करने की महत्ता बारे बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रौद्यौगिकी ने संसार को एक ग्लोबल गाँव बना दिया है। आई.टी के क्षेत्र में हो रहे तकनीकी विकास जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ तालमेल करके राज्य के विद्यार्थियों के तकनीकी कौशल को और मज़बूत करने में अहम भूमिका निभाएगी।
एन.डी.ए. में अपने ग्रैजूएशन के दिनों, जब संचार के बहुत से साधन नहीं होते थे, को याद करते हुए कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि उन दिनों में जो कुछ सीखा है, वह आज के युग की अपेक्षा अलग है परन्तु ये संस्थाएं लागतारता में मज़बूती का काम करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रौद्यौगिकी का विकास होगा और पलाक्षा जैसी संस्थाएं विद्यार्थियों को आगे बढऩे के लिए तैयार करती रहेंगी।
वर्ष 2035 तक 8000 विद्यार्थियों को दाखि़ल करने की क्षमता
इस महान संस्था को स्थापित करने वाले संस्थापकों का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिवर्सिटी के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह विकसित होने और वर्ष 2035 तक 8000 विद्यार्थियों को दाखि़ल करने की क्षमता से यह राज्य के लिए उत्तमता का केंद्र बन जायेगी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नज़दीक होने के कारण यूनिवर्सिटी को और लाभ मिलेगा। इस मौके पर फाउंडर बिनोरी नोलेज सल्यूशंस आशीष गुप्ता ने मुख्यमंत्री, पंजाब को विशेष तौर पर सम्मानित भी किया।
पलाक्षा यूनिवर्सिटी 50 एकड़ के क्षेत्र में 2000 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होगी, जिसके पहले पड़ाव में 1,000 विद्यार्थियों और वर्ष 2035 तक 8,000 विद्यार्थियों के दाखि़ले की योजना बनाई गई है। इसका अकादमिक प्रोग्राम, ‘पलाक्षा टैक लीडर्स फैलोशिप’ के तौर पर यू.सी. बर्कले की हिस्सेदारी से 2019 में शुरू किया जायेगा और अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम 2021 से शुरू होगा।
मार्ग दर्शक साबित होगी
40 प्रौद्यौगिकी और कारोबारी लीडरों द्वारा स्थापित होने से और ग्लोबल इंजीनियरों द्वारा बनाऐ अपने ख़ुद के अकादमिक सलाहकार बोर्ड के साथ यह यूनिवर्सिटी भारत में तकनीकी शिक्षा में बदलाव लाने के लिए मार्ग दर्शक साबित होगी।
यूनीवर्सिटी का उद्देश्य भारत की शहरी गतीशीलता, स्थिरता, भविष्य की फ़ैक्टरियाँ, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित कुछ बड़ी चुनौतियों के क्षेत्र में अनुसंधान केंद्र स्थापित करना है। उनका सपना 21वीं सदी में संसार को प्रौद्यौगिकी, विज्ञान और मानवता के अंतर्गत बदलने के लिए एक आगली पीढ़ी की यूनिवर्सिटी का निर्माण करना है।
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