डेली संवाद, जालंधर
पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भले ही ईमानदारी का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनके ही महकमे से जुड़े इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में सबकुछ ठीक नहीं है। तभी तो सरकारी छुट्टी वाले रविवार को ट्रस्ट के अफसर रात साढ़े 8 बजे ट्रस्ट का दफ्तर खोलकर काम को अंजाम दे रहे हैं। इससे ट्रस्ट के अफसरों और मुलाजिमों की कार्यप्रणाली को संदेह के घेरे में खड़ा कर रहा है।
रविवार को रात साढ़े आठ बजे इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दफ्तर में अचानक एक के बाद एक कई गाड़ियां आती हैं। ट्रस्ट के बड़े अफसर से लेकर कई इंजीनियर और क्लर्क आनन-फानन में ट्रस्ट दफ्तर का गेट खोल कर अंदर चले जाते हैं। चौकीदार बताता है कि यहां रात साढ़े 8 बजे कौन-कौन आया था।
बाहर खड़े चौकीदार से पूछा गया तो उसने साफ बताया कि अफसर अपनी टीम के साथ कोई जरूरी काम निपटा रहे हैं। ट्रस्ट के दफ्तर के अंदर लाइटें जल रही हैं, काफी चहल पहल है। हमें अंदर जाने की मनाही है, क्योंकि अंदर काफी मशक्कत से काम हो रहा है।
रात के अंधेरे में करप्शन पर लीपापोती?
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के सूत्र बता रहे हैं कि कुछ क्लर्क अपने फाइनांशियल डाटा दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। ट्रस्ट की योजनाओं में इस वित्तीय साल में भले ही कुछ नहीं हुआ हो, लेकिन कुछ मुलाजिम औऱ अफसर अपना भला करने में जुटे हैं। सूत्र बता रहे हैं कि वित्तीय वर्ष बीतने औऱ आंकड़े दुरुस्त न होने से आनन-फानन में ट्रस्ट के अफसरों ने कुछ क्लर्कों के साथ छु्ट्टी होने के बाद भी ट्रस्ट का रात में दफ्तर खोल दिया।
सवाल यह है कि कोई रात साढ़े 8 बजे सरकारी दफ्तर छुट्टी के दिन खोल कर क्या करना चाहता होगा? अगर कोई जरूरी काम है तो दिन में दफ्तर क्यों नहीं खोला गया? क्या इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के कुछ लोग सरकारी संपत्तियों में घालमेल कर रहे हैं? आखिर रविवार को छु्ट्टी होने पर रात साढ़े 8 बजे ट्रस्ट का दफ्तर क्यों खोला गया?
इन सवालों को जवाब लेने के लिए हमने ट्रस्ट के ईओ सुरिंदर कुमारी से फोन पर बात करना चाहा, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। इन सवालों का जवाब अगर ईओ सुरिंदर कुमारी डेली संवाद को देना चाहती हैं, तो इसे बाद में भी पब्लिश किया जा सकता है। लेकिव रात के समय सरकारी दफ्तर का ताला खोल कर काम करना अफसरों को संदेह के घेरे में खड़ा करता है।
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