नई दिल्ली। आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली बायानबाजियों के खिलाफ चुनाव आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे और बसपा सुप्रीमो मायावती पर 48 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस तरह से यह दोनों बड़े नेता अपने दल के लिए प्रतिबंध के दौरान चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे
दूसरी ओर, इन्हीं बयानबाजियों को लेकर दाखिल एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले इन बयानों के मद्देनजर उसने अब तक क्या कार्रवाई की है। चुनाव आयोग के इस जवाब पर कि आचार संहिता के उल्लंघन पर नेताओं और दलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उसकी शक्तियां सीमित सीमित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कार्रवाई करने की बाबत निर्वाचन आयोग के अधिकारों का परीक्षण करेगा।
मायावती और योगी आदित्यानाथ ने दिए थे ये बयान
दरअसल, पिछले दिनों देवबंद में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की एक रैली में मायावती ने कहा था कि मुस्लिम मतदाताओं को भावनाओं में बहकर अपने मतों को बंटने नहीं देना है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ‘बजरंग बली और अली’ का जिक्र कर मायावती पर निशाना साधा था। इन्हीं बयानबाजियों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इन बयानों की काफी आलोचना भी हुई थी।
सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से पूछा कि मायावती के धार्मिक आधार पर वोट मांगने वाले बयान पर आपकी ओर से क्या कार्रवाई की गई। चुनाव आयोग के वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले में पहले ही बसपा सुप्रीमो से जवाब मांगा गया है। मायावती को 12 अप्रैल तक जवाब देना था लेकिन चुनाव आयोग को अभी उनका जवाब नहीं मिला है।
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