कैबिनेट मंत्री बनते ही हरसिमरत बादल ने कैप्टन के खिलाफ खोला मोर्चा, कही ये बात

Daily Samvad
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मुख्यमंत्री को सिट जांच का राजनीतिकरण करने की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिएः हरसिमरत बादल

डेली संवाद, सरदूरलगढ/बुढ़लाढा/मानसा़/
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने आज कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के चहेते अधिकारी द्वारा दाखिल की चार्जशीट को सीट टीम के वरिष्ठ मैंबरों द्वारा रद्द किए जाने के बाद मुख्यमंत्री को कोटकपूरा तथा बहिबलकलां पुलिस कार्रवाई की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का राजनीतिकरण करने की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

कांग्रेस, आप तथा पीएपी के गठजोड़ के खिलाफ अनुकरणीय जीत हासिल करने के बाद धन्यवादी दौरे के दौरान अलग अलग सार्वजनिक मीटिंगों को संबोधित करते हुए श्रीमती बादल ने लोगों के बीच जाकर उनकी शिकायतें सुनी तथा अधिकारियों को तुरंत उन्हे हल करने के लिए कहा। उन्होने अपनी जेब से जरूरतमंद परिवारों की लड़कियों की शादी के लिए भी सहायता के लिए पेशकश की।

इस अवसर पर बोलते हुए श्रीमती बादल ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम पर झूठी शपथ खाने वाले मुख्यमंत्री का पहले भी पर्दाफाश हो चुका है। उन्होने कहा कि अब सिट की समूची टीम द्वारा पुलिस कार्रवाई की जांच के राजनीतिकरण के खिलाफ उठाई आवाज से मुख्यमंत्री की पोल खुल गई है। जांच टीम ने कहा है कि मुख्यमंत्री के चहेते आईजी कुंवर विजय ने उनसे सलाह किए बिना चार्जशीट दायर की थी।

इस जांच का कितना राजनीतिकरण हो चुका है

उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि इस जांच का कितना राजनीतिकरण हो चुका है। उन्होने कहा कि रंजीत सिंह कमिशन की रिपोर्ट की तरह यह चार्जशीट भी कांग्रेस भवन में बैठकर तैयार की गई है। मुख्यमंत्री को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए तथा तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।

यह टिप्पणी करते हुए कि कांग्रेस पार्टी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों ने उनके खिलाफ किए झूठे प्रचार को बुरी तरह रद्द कर दिया है तथा बेअदबी के मुद्दे का राजनीतिकरण करने वालों को सजा दी है। उन्होने कहा कि कोई भी वादा पूरा न करने के कारण लोगों का कांग्रेस सरकार से मोह भंग हो चुका है।

पंजाब सरकार ने एम्स संस्थान के निर्माण में रोड़े अटकाए

कांग्रेस सरकार को कीचड़ उछालने की जगह प्रदर्शन दिखाने के लिए कहते हुए श्रीमती बादल ने कहा कि सरकार की मैडीकल अध्यापकों की भर्ती करने में लापरवाही के कारण सेहत सेवाएं प्रभावित नही होनी चाहिए। उन्होने कहा कि पहले सरकार ने एम्स संस्थान के निर्माण में रोड़े अटकाए थे। अब यह मैडीकल अध्यापकों की भर्ती से इंकार करके लोगों को अच्छी सेहत सेवाएं देने से भाग रही है।

उन्होेने कहा कि सिर्फ इतना ही नही है। सरकार लोगों को इलाज कराने के लिए पांच लाख रूपए के मैडीकल कार्ड जारी करने में भी विफल साबित हुई है। इसने मजदूरों के लिए पैंशन स्कीम को लागू नही किया है तथा न ही गरीबों को मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख रूपए जारी किए हैं।

लेगों को यह आश्वासन दिलाते हुए कि वह जनविरोधी कांग्रेस सरकार को एक बड़ा झटका देंगे, श्रीमती बादल ने कहा कि हम केंद्र द्वारा लोगों को दी सभी सुविधाओं को पंजाबियों को दिलवाने के लिए एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।

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