लाहौर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान देश के आर्थिक हालात को बेहतर करने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं. लेकिन कुछ भी ठीक नहीं हो रहा है. ऐसे हालात में पाकिस्तान की सेना ने मजबूर होकर रक्षा बजट में कटौती का फैसला लिया है।
इस पर इमरान खान ने ट्विट कर कहा है कि कई सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद आर्थिक संकट की घड़ी में सेना की ओर से अपने ख़र्चे में की कटौती के फ़ैसले का स्वागत करता हूं. हम इन बचाए गए रुपयों को बलूचिस्तान और क़बायली इलाक़ों में ख़र्च करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले वित्तीय वर्ष का अनुमानित रक्षा बजट 1.270 ट्रिलियन रुपए है जो कि ख़त्म होते वित्तीय वर्ष के रक्षा बजट से 170 अरब रुपए ज़्यादा है. इस बजट में पूर्व सैनिकों की पेंशन, रणनीतिक खर्च और स्पेशल सैन्य पैकेज में होने वाले खर्च शामिल हैं।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से छह अरब डॉलर का बेल आउट पैकेज हासिल करने में सफल रहा था. 1980 के बाद पाकिस्तान के लिए आईएमएफ़ का ये 13वां बेलआउट पैकेज है.यह क़र्ज़ पाकिस्तान को तीन सालों के दौरान मिलेगा. हालांकि इस समझौते पर अभी बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की मुहर नहीं लगी है।
पाकिस्तान का रक्षा बजट
पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक, साल 2018 में पाकिस्तान का कुल सैन्य खर्च 11.4 अरब डॉलर रहा था. ये ख़र्च पाकिस्तान की कुल जीडीपी के चार फ़ीसदी के बराबर है. 2018 में भारत का सैन्य ख़र्च क़रीब 66.5 अरब डॉलर रहा था. इस मामले में 649 अरब डॉलर के साथ अमरीका पहले पायदान पर है।
कितना है पाकिस्तान पर कर्ज़-आईएमएफ़ की वेबसाइट के मुताबिक़, पाकिस्तान पर पहले के बेलआउट से ही 5.8 अरब डॉलर का कर्ज़ है. पाकिस्तान पर क़र्ज़ और उसकी जीडीपी का अनुपात 70 फ़ीसदी तक पहुंच गया है. कई विश्लेषकों का कहना है कि चीन का दो तिहाई क़र्ज़ सात फ़ीसदी के उच्च ब्याज दर पर हैं।
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