एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का कहर, अब तक 31 बच्‍चों की मौत

Daily Samvad
3 Min Read

पटना। बिहार में संदिग्ध एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से हालात गंभीर होते जा रहे हैं। राज्‍य के मुजफ्फरपुर जिले में इस बीमारी से मरने वाले बच्‍चों की संख्‍या बढ़कर 31 तक पहुंच गई है। मरने वाले बच्चों का यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। मुजफ्फपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज भर्ती कई मरीजों की हालत अब भी गंभीर है और पीड़ित रोगियों को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है।

मेडिकल कॉलेज के प्रभारी सुनील शाही ने बुधवार को बताया, ‘जनवरी से दो जून तक 13 मरीज भर्ती कराए गए जिसमें से तीन की मौत हो गई। दो जून से अब तक 86 मरीज भर्ती कराए गए हैं जिसमें से 31 मरीजों की मौत हो गई है।’ इसके अलावा कई अन्य मरीज अब भी तेज बुखार से पीड़ित हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए सात सदस्‍यीय केंद्रीय दल बुधवार को मुजफ्फरपुर पहुंच रहा है।

’80 फीसदी मौतों में हाइपोग्लाइसीमिया का शक’

केंद्रीय दल स्‍थानीय डॉक्‍टरों के साथ मिलकर इस बात की जांच करेगा कि बच्‍चों की मौत के क्‍या कारण हैं। बिहार के प्रधान सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य) संजय कुमार ने बताया कि 80 फीसदी मौतों में हाइपोग्लाइसीमिया का शक है। इस बीच राज्‍य सरकार ने राज्‍य के 12 जिलों में 222 प्राइमरी हेल्‍थ सेंटर्स को अलर्ट कर दिया है। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे मरीजों के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरतें।

बिहार सरकार की एक टीम भी मुजफ्फरपुर पहुंची है जो स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कुमार ने बताया कि उन्‍होंने खुद प्राइमरी हेल्‍थ सेंटर्स की स्थिति का जायजा लिया है। उन्‍होंने बताया कि सभी इंतजाम मानकों के मुताबिक हैं। एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जी. एस. सहनी ने बताया कि अब तक बीमार बच्चों का उपचार बीमारी के लक्षण को देखते हुए किया जा रहा है।

बुखार और शरीर में ऐंठन हैं बीमारी के लक्षण

उन्होंने कहा कि एइएस से ग्रसित बच्चों को पहले तेज बुखार और शरीर में ऐंठन होता है और फिर ये बेहोश हो जाते हैं। इधर, एसकेएमसीएच में चिकित्सकों एवं कर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि उमस भरी गर्मी के कारण ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है।

हिन्दी न्यूज़ Updates पाने के लिए आप हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।













728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *