डेली संवाद, जालंधर
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर को करप्शन के दलदल से बाहर निकालने के लिए नव नियुक्ति चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया कड़े फैसले लेने वाले हैं। दफ्तर में कई साल से जमे बाबुओं पर कड़ी कार्ऱवाई हो सकती है। ऐसे बाबुओं को हटाया जाएगा, जो कई साल से जालंधर में ही कुंडली मार कर बैठे हैं।
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन दलजीत सिंह आहलूवालिया ने कार्यभार संभालने के बाद अब एक्शन के मूड़ में आ गए हैं। वे हर उस कार्य की समीक्षा करने जा रहे हैं, जिससे ट्रस्ट को आर्थिक तौर पर लाभ मिल सके। ट्रस्ट में तैनात सभी बाबुओं औऱ अफसरों के कार्य़ों की भी समीक्षा होगी। उन बाबुओं को रुखसत किया जाएगा, जो कई साल से एक ही जगह कुंडली मार कर बैठ हुए हैं।
बाबुओं की संपत्तियों की जांच की भी हो सकती है पैरवी
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के कुछ बाबू और क्लर्क ऐसे हैं, जिन्होंने ट्रांसफर के बाद नई जगह ज्वाइनिंग नहीं की। अगर ज्वाइन भी कर लिया तो कुछ दिनों बाद फिर से जुगाड़ लगाकर जालंधर में पोस्टिंग करवा ली। जिससे जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का दफ्तर करप्शन का अड्डा बन गया। नए चेयरमैन आहलूवालिया के लिए करप्शन के अड्डे को खत्म कर पब्लिक के लिए सुविधाजनक बनाने की बड़ी चुनौती है।
चेयरमैन दलजीत सिंह आहलुवालिया कहते हैं कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पास करीब 22 करोड़ की प्रॉपर्टी है और देनदारियां 200 करोड़ के करीब हैं। ऐसे में ट्रस्ट को कर्जमुक्त करने के लिए काम करेंगे। उन्होंने ये देनदारियां कैसे और कब बढ़ी, इसकी भी जांच होगी। इसके लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्ऱवाई की सिफारिश की जाएगी।
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