डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद अहम मंत्रालय छीने जाने के बाद से खफा कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अमरिंदर सिंह की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संबोधित अपने इस्तीफे को रविवार को ट्विटर पर साझा किया. इस इस्तीफे पर 10 जून की तारीख लिखी है. सिद्धू ने टि्वटर पर पोस्ट किए गए अपने पत्र में लिखा, ‘मैं पंजाब कैबिनेट से मंत्री के तौर पर इस्तीफा देता हूं।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया कि वह मुख्यमंत्री को भी अपना इस्तीफा भेजेंगे. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने छह जून को सिद्धू से स्थानीय निकाय और पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग वापस ले लिए थे और उन्हें ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार सौंपा था।
कैबिनेट में फेरबदल के दो दिन बाद आठ जून को सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तेजी के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गठित मंत्रणा समूहों से भी सिद्धू को बाहर रखा गया था. मुख्यमंत्री के साथ गतिरोध की स्थिति होने के कारण कैबिनेट फेरबदल के एक महीने बाद भी सिद्धू ने अपना नया प्रभार नहीं संभाला था।
सिद्धू अपनी ही सरकार के लिए किरकिरी बन गए थे
My letter to the Congress President Shri. Rahul Gandhi Ji, submitted on 10 June 2019. pic.twitter.com/WS3yYwmnPl
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) July 14, 2019
गौरतलब है कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही सरकार के लिए किरकिरी बन गए थे. दरअसल उनके खिलाफ बीजेपी नेता तरूण चुग ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर शिकायत की थी कि उन्होंने मंत्री पद की शपथ तो ले ली है लेकिन अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है फिर भी वह मंत्री के रूप में मिलने वाली सैलरी और भत्तों का पूरा मजा ले रहे हैं. चिट्ठी में लिखा गया था कि सिद्धू और सीएम के बीच विवाद ने संवैधानिक संकट पैदा कर दिया है।
तरुण चुग ने आगे कहा था कि उन्होंने राज्यपाल से अपील की है कि अगर पंजाब के हित में कोई फैसला करें, अगर मंत्री काम नहीं करना चाहते हैं तो कोई और उनकी जगह पर विभाग देखे. इसके साथ ही अगर वह बिना काम के सैलरी उठा रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
सिद्धू इस समय मंत्रालय बदले जाने से काफी नाराज हैं
आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू इस समय मंत्रालय बदले जाने से काफी नाराज हैं. बीते छह जून को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से शहरी निकाय के साथ पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले विभाग वापस ले लिए थे और उन्हें ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार सौंपा था. अमरिंदर ने सिद्धू से विभाग वापस लेते हुए इसके लिए उनके खराब प्रदर्शन को जिम्मेदार ठहराया था और इसके बाद से दोनों के बीच तनाव सार्वजनिक हो गया था।
वहीं बीते जून के आखिरी हफ्ते में पंजाब सरकार के विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के दफ्तर में छान-बीन में जांच की है. टीम ने कागज़ों की जांच-पड़ताल की. नवजोत सिंह सिद्धू स्थानीय निकाय मंत्री थे जिनके अधीन ये दफ़्तर आता था. इसके पहले भी इस विभाग से जुड़े अलग-अलग दफ़्तरों में विजिलेंस की छानबीन चली. हालांकि SSP पीके बख्शी का कहना है कि कुछ शिकायतों को लेकर रिकॉर्ड की जांच की जा रही है. इस छानबीन में अब तक क्या मिला है इसका अभी ख़ुलासा नहीं हुआ है।
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