गो-वंशों की मौत पर सीएम योगी सख्त, 9 अफसर सस्पेंड, दो डीएम को नोटिस

Daily Samvad
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लखनऊ। कई जिलों में गोआश्रय स्थलों में गोवंश की मौत पर रविवार को मुख्यमंत्री ने कड़े तेवर दिखाए। उन्होंने अयोध्या के कांजी हाउस प्रभारी, गोशाला प्रभारी, अयोध्या जिले के ही मिल्कीपुर के बीडीओ और उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और मिर्जापुर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, नगर पालिका के प्रभारी अधिशासी अधिकारी और नगर अभियंता समेत नौ अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

इसी के साथ अयोध्या और मिर्जापुर के जिलाधिकारियों समेत कई अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रयागराज और विंध्याचल धाम के मंडलायुक्तों को गोवंश की मृत्यु के सभी पहलुओं की जांच कर जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लापरवाही, देखरेख और चारे के अभाव में गोवंश की मौत होने पर गोवध अधिनियम और पशु क्रूरता में कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान ही उन्होंने अयोध्या के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मिल्कीपुर और उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। उन्होंने मिर्जापुर नगर पालिका के ईओ मुकेश कुमार, नगर अभियंता रामजी उपाध्याय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) डॉ. एके सिंह को निलंबित करने को कहा।

अयोध्या के डीएम और अयोध्या सीवीओ और नगर आयुक्त को भी नोटिस जारी

मिर्जापुर और अयोध्या के डीएम और अयोध्या सीवीओ और नगर आयुक्त को भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अयोध्या नगर निगम के कांजी हाउस प्रभारी डॉ. उपेंद्र कुमार और गोशाला प्रभारी विजेंद्र को भी सस्पेंड कर दिया। मुख्यमंत्री ने अयोध्या, प्रयागराज और मिर्जापुर के मंडलायुक्तों को निर्देश दिया कि अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करें।

सीएम योगी ने अयोध्या, रायबरेली, हरदोई, बाराबंकी, लखनऊ, प्रयागराज जिले के अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि जब निराश्रित गोवंशो के लिए सरकार ने प्राथमिकता तय कर दी थी फिर ऐसी सूचनाएं क्यों आ रही है । उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश समाज के लिए ज्वलंत समस्या है।

इससे कानून-व्यवस्था के सामने भी संकट खड़ा होता है। उन्होंने कहा, यह खेदजनक स्थिति है कि अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे। वे तत्काल गौशालाओं का भ्रमण करें। उनको चिन्हित करें जो दूध निकालने के बाद गोवंश छोड़ देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की ओर से भरण पोषण राशि की कोई कमी नहीं है।

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