यदि सिद्धू अपना काम नहीं करना चाहते, तो मैं क्या करूं – कैप्टन
डेली संवाद, नई दिल्ली/चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यदि नवजोत सिंह सिद्धू अपना काम नहीं करना चाहता तो वह इसमें कुछ नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री को धान के सीजन के महत्वपूर्ण समय काम बीच में ही छोडऩे की बजाय नया विभाग स्वीकृत करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सिद्धू को विभाग दिया गया था जिसको उसके द्वारा स्वीकृत करके अपना काम करना चाहिए था।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘‘यदि सिद्धू काम नहीं करना चाहता तो वह इसमें क्या कर सकते हैं।’’ उन्होंने सवाल किया कि जरनैल द्वारा सौंपा गया काम करने से एक सिपाही कैसे इन्कार कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सरकार की कार्यवाही कारगर ढंग से चलानी है तो इसमें कुछ अनुशासन भी होना चाहिए।
यह पूछे जाने पर क्या सिद्धू ने फिर सुलह सफ़ाई की कोशिश की है तो मुख्यमंत्री ने कहा इसकी कोई ज़रूरत नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,‘‘मेरा उसके साथ कोई मतभेद नहीं है। यदि सिद्धू को मुझसे किसी तरह की कोई समस्या है तो आप इस संबंधी उसे ही पूछो।’’
मंत्रीमंडल का फ़ैसला कांग्रेस हाईकमान की सलाह से किया जाता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू द्वारा अपना इस्तीफ़ा कांग्रेस प्रधान को भेजने में उनको कुछ गलत नहीं लगा। पत्रकारों के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रीमंडल का फ़ैसला कांग्रेस हाईकमान की सलाह से किया जाता है जिस कारण सिद्धू द्वारा अपना इस्तीफ़ा पार्टी प्रधान को भेजना ठीक है। मुख्यमंत्री संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ शिष्टाचार मिलनी के बाद पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने आज प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की क्योंकि मोदी के दूसरे कार्यकाल के बाद वह उनको अब तक नहीं मिले थे। हालाँकि उन्होंने प्रधानमंत्री के पास श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर करवाए जाने वाले समागमों पर भी विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस महान समागम में शामिल होने की पुष्टि की है और इस समारोह को सफल बनाने के लिए हर संभव मदद देने का भरोसा दिया।
31000 करोड़ रुपए के अनाज कर्ज का मसला भी उठा
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि विचार-विमर्श के दौरान 31000 करोड़ रुपए के अनाज कर्ज का मसला भी उठा और प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इससे भली भाँति अवगत हैं। सिद्धू के इस्तीफ़े के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको बताया गया है कि इस्तीफ़ा चंडीगढ़ में उनकी रिहायश पर भेज दिया गया है परन्तु उन्होंने अभी यह इस्तीफ़ा देखना है। वह इस संबंधी कोई भी टिप्पणी करने से पहले इस्तीफ़ा पढ़ेंगे।
लोकसभा चुनाव के बाद अपने मंत्रीमंडल के फेरबदल में 17 में से 13 मंत्रियों के विभाग बदलने का जि़क्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सिद्धू ही एकमात्र ऐसा मंत्री है जिसको इससे समस्या हुई है। उन्होंने कहा कि फेरबदल का फ़ैसला मंत्रियों की कार्यशैली के आधार पर ही लिया गया था और सिद्धू को अपना नया विभाग स्वीकृत करना चाहिए था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू को बहुत अहम बिजली विभाग दिया गया था जिसकी धान के सीजन के मौके पर जून से अक्तूबर महीने तक महत्ता और भी बढ़ जाती है। पंजाब के कई हिस्सों में उपयुक्त बारिश नहीं पड़ी और बिजली की स्थिति पर रोज़ाना निगरानी रखने की ज़रूरत होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काम अब वह स्वयं कर रहे हैं।
नवजोत कौर सिद्धू की उम्मीदवारी का विरोध नहीं किया
मुख्यमंत्री ने सिद्धू और उसकी पत्नी द्वारा संसदीय चुनाव के लिए श्रीमती सिद्धू की उम्मीदवारी संबंधी जारी किये बयान पर अपनी नाखुशी ज़ाहिर की। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी नवजोत कौर सिद्धू की उम्मीदवारी का विरोध नहीं किया और सुझाव दिया था कि उसे बठिंडा से चुनाव लडऩी चाहिए जिसको सिद्धू दम्पत्ति ने रद्द कर दिया था।
राहुल गांधी संबंधी पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह निश्चित तौर पर श्री गांधी को मिलेंगे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा पार्टी के लिए काम किया जा रहा है और इसमें कोई रुकावट नहीं आई जैसे कि विरोधी पक्ष और मीडिया के एक हिस्से द्वारा पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में समूचे तौर पर काम चल रहा है।
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