जालंधर में बनेगा एम्स, कैप्टन सरकार पिम्स का करेगी मेकओवर, पढ़े पूरा मामला

Daily Samvad
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने CM कैप्टन से मांगा  औपचारिक प्रस्ताव 

डेली संवाद, चंडीगढ़
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने पंजाब में दूसरे एम्स को श्री गुरु नानक देव जी के 550वें ऐतिहासिक प्रकाश पर्व को समर्पित करने संबंधी राज्य से विस्तृत प्रस्ताव की मांग की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा की गई विनती के संदर्भ में यह प्रस्ताव मांगा है।

मुख्यमंत्री ने आज यहां एक मीटिंग के दौरान डा. हर्षवर्धन के पास यह मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य और वित्त मंत्रियों को भेजे गए अलग पत्रों में पंजाब में दूसरे एमज़ को इस विशेष अवसर पर समर्पित करने के लिए केंद्र से आज्ञा की मांग की थी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट जारी होने के बाद इस मामले पर विचार का भरोसा दिलाया था।

पहला एम्स बठिंडा में पहले ही तैयार किया जा रहा है। पंजाब ने दूसरे एम्स का प्रस्ताव लुधियाना या जालंधर में किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 250 करोड़ रुपए की लागत वाली जालंधर में पिम्स (पी.आई.एम.एस) इमारत को इस मकसद के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एम्स के बठिंडा प्रोजैक्ट के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी मंजूरियां दी जा चुकी हैं और इस सम्बन्ध में कुछ भी लम्बित नहीं है।

फिऱोज़पुर में पी.जी.आई सैटेलाइट सैंटर की मंजूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि डा. हर्षवर्धन ने इस प्रस्ताव को प्राप्त करने के बाद इस माँग संबंधी विचार करने का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के पास यह मामला आगे ले जाने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री ने फिऱोज़पुर में पी.जी.आई सैटेलाइट सैंटर की मंजूरी संबंधी भी केंद्रीय मंत्री से माँग की है।

राज्य सरकार ने इस सम्बन्ध में ज़मीन पी.जी.आई को तबदील कर दी है परन्तु इस संबंधी फाइल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए लम्बित पड़ी हुई है। मुख्यमंत्री के अनुसार फिऱोज़पुर एक सरहदी जि़ला है। विकास के लिए नीति आयोग द्वारा चुने गए 120 पिछड़े जिलों में से यह एक है।

इस दौरान नशों की समस्या संबंधी भी विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में नशों संबंधी राष्ट्रीय नीति की माँग दोहरायी। उन्होंने बताया कि एमज़ दिल्ली ने राज्य द्वारा ओ.ओ.ए.टी क्लिनिकों में दी जा रही बुपरेनोरफिन और नैलेकसजोन थैरेपी की प्रशंसा की। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा पेश की जा रही थैरेपी को भारत सरकार की ओ.एस.टी. (ओपीयोड सबस्टिच्यूशन थैरेपी) के साथ जोडऩे की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

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