प्रतिबंधित दवाईयों को नशे के रूप में बेचने वालों के खि़लाफ़ होगी कार्यवाही-पन्नू
डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब पुलिस और एसटीएफ ने नशा तस्करों के खि़लाफ़ शुरु की गई लड़ाई में बड़ी सफलता हासिल करते हुए ट्रैमाडोल गोलियों को नशे के रूप में बेचने का पर्दाफाश करते हुए एक मुलजि़म कैमिस्ट को 10,67,800 नशे के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के साथ काबू करने में सफलता प्राप्त की है।
आज यहाँ स्पैशल टास्क फोर्स के मोहाली स्थित हैडक्वार्टर में प्रैस कान्फ्रेंस के दौरान यह खुलासा करते हुए एसटीएफ प्रमुख गुरप्रीत कौर दिओ, ए.डी.जी.पी. ने बताया कि इस गिरोह का सरगना लुधियाना के शहीद करनैल सिंह नगर के निवासी प्रदीप गोयल को गिरफ़्तार कर लिया है। वह पिंडी गली लुधियाना में प्लैटिनम हैल्थ केयर के नाम से मैडीकल स्टोर चलाता था। उसके घर की तालाशी के दौरान पुलिस को 20,500 गोलियाँ बरामद हुई।
हयूंडायी कार में से 1.56 लाख गोलियाँ बरामद
उन्होंने बताया कि मुलजि़म कैमिस्ट की गिरफ़्तारी बठिंडा पुलिस द्वारा एक नशा तस्कर सुनील कुमार उर्फ सोनू निवासी मोड़ मंडी की गिरफ़्तारी के दौरान की गई पुछ-ताछ के आधार पर की गई। सोनू से पुलिस ने उसकी हयूंडायी कार में से 1.56 लाख गोलियाँ बरामद की थी। सोनू द्वारा किये गए कबूलनामे कि प्रतिबंधित गोलियों का बड़ा जख़़ीरा मोड़ मंडी आधारित दिल्ली-पंजाब ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम में पड़ा है, जिसके आधार पर पुलिस द्वारा 9,11,400 ट्रैमाडोल गोलियाँ बरामद की गई हैं। सोनू ने ही यह कबूल किया था कि उसने यह माल प्रदीप गोयल से प्राप्त किया था।
एसटीएफ के प्रमुख ने लुधियाना से काबू किये गए कैमिस्ट संबंधी और ज्य़ादा जानकारी देते हुए बताया कि वह काफ़ी समय से प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई से सम्बन्धित धंधा बड़े स्तर पर कर रहा था। उसने साल 2007 में एपी मैडीकल स्टोर, टक्कर कांपलैक्स, पिंडी गली, लुधियाना के पते पर थोक ड्रग लाइसेंस लिया था। उसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा की गई छापेमारी के दौरान उससे प्रतिबंधित दवाएँ बरामद होने के कारण उसका लाइसेंस 21 दिनों के लिए मुअत्तल कर दिया गया था। इसके बाद उसने अपनी इसी फ़र्म का नाम 2011 में तबदील करके जय माँ करवा लिया था। परन्तु उसका यह लाइसेंस भी उसके कब्ज़े में से 7 लाख प्रतिबंधित गोलियों की बरामदगी के बाद 2018 में रद्द कर दिया गया था।
पंजाब भर में करीब 70 लाख गोलियाँ सप्लाई
उन्होंने बताया कि इसके बाद सम्बन्धित मुलजि़म ने अपनी नयी फ़र्म प्लैटिनम हैल्थ केयर अपने साले सन्दीप गर्ग निवासी सोलन के नाम पर कैमिस्ट का लाइसेंस लेकर बना ली। जांच के दौरान यह सामने आया है कि उसके द्वारा पंजाब भर में करीब 70 लाख गोलियाँ, प्रमुख तौर पर अमृतसर, फग़वाड़ा, जालंधर, होशियारपुर और बठिंडा वग़ैरा में पिछले 10 महीनों में सप्लाई की जा चुकी हैं।
बातचीत के दौरान कमिश्नर फूड एंड ड्रग ऐडमिनस्ट्रेशन पंजाब के.एस. पन्नू ने बताया कि पंजाब में तकरीबन 16000 लाइसेंस धारक कैमिस्ट दवाएँ बेच रहे हैं जिनमें से 117 दुकानदारों द्वारा प्रतिबंधित दवाएँ बेची गई हैं, जिसके नतीजे के तौर पर पिछले 5 महीनों के दौरान 421 लाइसेंस रद्द किये गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उल्लंघन करने वाले 15 कैमिस्टों को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है और 10 को भगौड़े अपराधी घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि एक बार लाइसेंस रद्द होने के बाद किसी भी कैमिस्ट को नया लाइसेंस जारी नहीं किया जायेगा।
नशीली गोलियों और टीके जब्त
गुरप्रीत दिओ ने बताया कि ऐसी गैरकानूनी कार्यवाहियों पर सख्त पाबंदी को यकीनी बनाते हुए एस.टी.एफ. ने 14 जुलाई, 2019 तक 33,591 नशा तस्करों को गिरफ़्तार करने के साथ-साथ 759.662 किलोग्राम हेरोइन और 17.881 किलोग्राम स्मैक बरामद की है। इसके अलावा एस.टी.एफ. द्वारा 97986.416 किलोग्राम अफ़ीम, 296.039 किलोग्राम भुक्की, 296.039 किलोग्राम चरस, 5474.671 किलोग्राम गाँजा, 755.126 किलोग्राम भांग, 0.726 किलोग्राम कोकेन, 10.06 किलोग्राम बफऱ्, 344.884 किलोग्राम नशीला पाऊडर, 117008 नशीले टीके और 16203651 नशीली गोलियाँ/कैप्सूल ज़ब्त किये गए हैं।
उन्होंने बताया कि एस.टी.एफ. द्वारा नशा तस्करों की गिरफ़्तारी और नशों की सप्लाई चेन को तोडऩे के नतीजे के तौर पर अब तक 27666 एफ.आई.आरज़ दर्ज की गई हैं। इसके साथ ही गिरफ़्तार किये जाने वाले 100 से ज़्यादा बड़े नशा तस्करों की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि कैदी नशा तस्करों पर सख्त नजऱ रखने के लिए एस.टी.एफ. द्वारा जेल विभाग के साथ भी तालमेल किया जा रहा है और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सहयोग से सरहदी जिलों में सांझे ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा विशेष टास्क फोर्स, जि़ला पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ नज़दीकी तालमेल के ज़रिये काम कर रही है जिससे पंजाब में से नशों की इस समस्या को जड़ से ख़त्म किया जा सके।
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