असम के 41 लाख लोगों के भविष्य का फैसला, आज जारी होगी अंतिम सूची

Daily Samvad
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गुवहाटी। असम में रह रहे 41 लाख लोगों के भाग्य का फैसला आज होना है। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) की अंतिम सूची आज सुबह 10 बजे जारी होगी। ऐसे में यहां के लोगों में तनाव जैसा माहौल, उन्हें लिस्ट में नाम नहीं होने की आशंका में अपना भविष्य की चिंता सता रही है।

लोगों में भय का माहौल देखते हुए पूरे राज्य को हाई अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि जो लोग अपनी नागरिकता खो देंगे उन्हें डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा।

शांती बनाए रखने की अपील

असम के सीएम सर्वानंद सोनेवाल ने एनआरसी की अंतिम सूची जारी होने से पहले यहां के लोगों से शांती बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा ‘मैं आप सभी से असम में शांति और धीरज बनाए रखने की अपील करता हूं। जब तक अपील करने का समय है तब तक किसी को विदेशी नहीं माना जाएगा। राज्य सरकार कानूनी समर्थन का विस्तार करेगी।’

किसी को भी डरने की जरूरत नहीं: केंद्र

गृह मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि एनआरसी की अंतिम सूची आने से जुड़ी किसी भी प्रकार की अफवाह पर विश्वास न करें। मंत्रालय ने साफ किया है कि किसी व्यक्ति का लिस्ट में नाम शामिल नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि उसे विदेशी घोषित कर दिया गया है। मंत्रालय ने बताया कि अंतिम लिस्ट से बाहर रह गए सभी लोग विदेशी ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं। विदेशी ट्रिब्यूनल की संख्या बढ़ाई जा रही है।

राज्य में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ने पूरे असम में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य के संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है। 14 जिलों को संवेदनशील घोषित किया गया है। इस दौरान केंद्रीय सुरक्षाबलों की 55 कंपनियों को जम्मू कश्मीर से वापस बुला लिया गया है। इन्हें पिछले महीने जम्मू कश्मीर भेजा गया था। इन्हें राज्य के अलग-अलग इलाकों में सुरक्षा के मद्देनजर लगाया गया है।

क्या है एनआरसी ?

एनआरसी(NRC) असम में अधिवासित सभी नागरिकों की एक सूची है। वर्तमान में राज्य के भीतर बोनाफाइड नागरिकों को बनाए रखने और बांग्लादेश से अवैध रूप से प्रवासियों को बाहर निकालने के लिए इसका अद्यतन किया जा रहा है।

क्या है मामला

साल 1951 के बाद पहली बार राज्य में नागरिकता की पहचान हो रही है। राज्य में बड़ी संख्या में अवैध तरीके से रह रहे लोग इसकी प्रमुख वजह है। इसकी अंतिम सूची सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बन रही है। इससे पहले साल 2018 में आई एनआरसी लिस्ट में 3.29 करोड़ लोगों में से 40.37 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं था। अब फाइनल एनआरसी में उन लोगों के नाम शामिल किए जाएंगे, जो 24 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं।

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