खेतीबाड़ी विभाग ने मक्की की खेती और फसलों के अवशेष की संभाल के लिए मनाया ‘खेत दिवस’

Daily Samvad
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120 मक्की प्रदर्शनी कलस्टर 10 हैक्टेयर भूमि में लगाए गए

डेली संवाद, जालंधर
किसानों को मक्की की खेती प्रति उत्साहित करने के लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग ने आज ब्लाक जालंधर पश्चिमी के गाँव गिल्ल में ‘खेत दिवस’ मनाया गया जिस में अलग -अलग गाँवों के 100 से अधिक किसानों ने शिरकत की।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्य कृषि अधिकारी जालंधर डा.नाज़र सिंह ने किसानों को बताया कि विभाग की तरफ से फ़सली विभिन्नता प्रोगराम के अंतर्गत माहिरों की देख -रेख नीचे 120 मक्की प्रदर्शनी कलस्टर 10 हैक्टेयर भूमि में लगाए गए है। उन्होनें कहा कि मक्की की खेती के प्रोगराम के अंतर्गत प्रति हैक्टेयर 5000 रुपए का खर्चा किया गया है जिस में मक्की का बीज, ज़िंक, हरबीसाईड, कीटनाशक दवाएँ और मज़दूरी शामिल है।

डा.नाज़र सिंह ने बताया कि मक्की की फ़सल थोडे समय की फ़सल है और राज्य में धरती नीचे पानी के स्तर को बढ़ाने में मददगार है। उन्होनें किसानों को कहा कि मक्की की फ़सल को अधिक से अधिक अपनाया जाये क्योंकि इससे बहुत लाभ बहुत हो सकता है।

किसानों को इन -सीटू मैनेजमेंट के बारे में बताया

इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी ने किसानों को इन -सीटू मैनेजमेंट के बारे में बताते हुए कहा कि इस के अंतर्गत किसानों को अति आधुनिक मशीनों जैसे हैपी सीडर, पैडी स्टराय चोपर, मल्चर, हाइड्रोलिक रीवरसीबल एम.बी. प्लांट, ज़ीरो कोशिश ड्रिल, सुपर एस.एम.एस. रोटरी सलैशर /शरब कटर आदि खेती यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है। उन्होनें कहा कि कोई भी किसान इन अति आधुनिक खेती यंत्रों के द्वारा कृषि के अवशेषों का सुचारू ढंग से निपटारा करके पंजाब सरकार की तरफ से राज्य के वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए शुरू की गई नई पहल में शामिल हो सकता है।

उन्होनें कहा कि फसलों के अवशेषों का खेतों में ही निपटारा करने के लिए अति आधुनिक खेती यंत्र उपलब्ध करवाने का मुख्य उद्देश्य राज्य के वातावरण को बचाने के साथ-साथ ज़मीन की ऊपजाउ शक्ति में सुधार लाना है। डा.नाज़र सिंह ने बताया कि पराली को आग लगाने से कई पौष्टिक तत्व और सूक्ष्म तत्व जल जाते हैं और साथ ही कई हानिकारक गैस पैदा होती है,जो मानवीय स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हैं।

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