पंजाबियों से माफी मांगे केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल, केंद्र से एक भी पैसा मंज़ूर नहीं करवा सकी

Daily Samvad
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बादल राजनीति की बजाय मोदी सरकार से प्रकाश पर्व के लिए फंड मंज़ूर करवाए : विजय इंदर सिंगला

डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के कैबिनेट मंत्री और सीनियर कांग्रेसी नेता विजय इंदर सिंगला ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व समागमों को राजनीति से प्रेरित की जा रही बयानबाज़ी की निंदा करते हुए बतौर केंद्रीय मंत्री इस ऐतिहासिक दिवस के लिए भारत सरकार से कोई प्रोजैक्ट या फंड न लाने में नाकाम रहने के कारण समूचे पंजाबियों से माफी मांगने के लिए कहा है।

आज यहाँ जारी बयान में श्री सिंगला ने कहा कि अगर वह सच्चे दिल से अपना योगदान डालना चाहते हैं तो बयानबाज़ी करने की बजाय मोदी कैबिनेट की मीटिंग में पंजाब को 550वें प्रकाश पर्व समागमों के लिए ज़रुरी फंड जारी करवाने के लिए अपना मुँह खोलें जहाँ उन्होंने पंजाब के हितों की तिलांजलि देते हुए अपने मुँह को ताला लगाया हुआ है।

उन्होंने कहा कि बादल परिवार केंद्र सरकार के आगे तो पंजाब के लिए कुछ मांगने के लिए ज़ुबान नहीं खोलते और यहाँ इनके नेता राजनैतिक रोटियाँ सेकने के लिए अनावश्यक और बेतुके तथ्य रहित बयान देकर अपने राजनैतिक और धार्मिक दीवालीएपन का सबूत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने 550वें प्रकाश पर्व सम्बन्धी केंद्र सरकार को विभिन्न प्रोजैक्टों को मिलाकर कुल 2475.03 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भेजे जिनके लिए एक पैसा भी मंज़ूर करवाने के लिए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल ने बिल्कुल भी कोशिश नहीं की।

समागमों को यादगार बनाने के लिए पिछले ढाई साल से निरंतर प्रयास

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन राज्य सरकार श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकास पर्व समागमों को यादगार बनाने के लिए पिछले ढाई साल से निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल नवंबर महीने में सुल्तानपुर लोधी में बड़ा समागम करवा कर साल भर चलने वाले समागमों की शुरुआत की गई थी और उस समागम में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह विशेष तौर पर आए थे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रकाश पर्व के मौके पर 3462 करोड़ रुपए के विकास कार्य आरंभ किए गए थे जिससे गुरू साहिब से सम्बन्धित तीनों ऐतिहासिक शहरों सुल्तानपुर लोधी, डेरा बाबा नानक और बटाला का सर्वपक्षीय विकास, पहली पातशाही जी की चरण स्पर्श प्राप्त 71 गाँवों की कायाकल्प,‘गाँव बाबे नानक दा’ बनाना, बेबे नानकी गर्लज़ कॉलेज, गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर में इंटर फेथ स्टड्डीज़ इंस्टीट्यूट बनाना, राज्य के हर गाँव में 550 पौधे लगाना आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक ऐतिहासिक शहर सुल्तानपुर लोधी के बुनियादी ढांचे और विकास प्रोजैक्टों के लिए कोई फंड जारी नहीं किया।

मुख्यमंत्री खुद कर रहे हैं तैयारियों की समीक्षा

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी निजी तौर पर रूचि दिखाते हुए जहाँ ख़ुद निरंतर समागमों की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं वहीं पंजाब के इतिहास में पहली बार चंडीगढ़ से बाहर सुल्तानपुर लोधी में कैबिनेट मीटिंग बुला कर अपनी वचनबद्धता का सबूत दिया। उन्होंने कहा कि 550वें प्रकाश पर्व समागमों को यादगारी बनाने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह संत समाज के साथ भी दो मीटिंगें करके सिख विद्वानों और धार्मिक शख्सियतों के पास कीमती सुझाव ले चुके हैं।

सिंगला ने केंद्रीय सत्ता में हिस्सेदार बादलों को याद करवाते हुए कहा कि जब 2008 में हुजूर साहिब में 300 साला गुरगद्दी दिवस मनाया गया था तब उस समय के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अकेले नंदेड़ साहिब शहर की कायाकल्प करने के लिए 1000 करोड़ रुपए से अधिक के फंड दिए थे और यूपीए सरकार ने सभी समागमों की सेवा संभाल कर गुरू घर की खुशियां हासिल की थी। उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक दिवस मानव की जि़दगी में एक बार आते हैं इसलिए हरसिमरत कौर बादल को हमारी यही नसीहत है कि राजनीति छोड़ कर अपने केंद्रीय मंत्रालय में बैठे होने का फ़ायदा उठाते हुए भारत सरकार से फंड मंज़ूर करवाएं।

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